तबादले से परेशान,महिला सिपाही ने थाने में सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मारी,मौत

तबादले से परेशान,महिला सिपाही ने थाने में सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मारी,मौत


गमों की बेइन्तहा हो गयी, सहते-सहते यहाँ कोई नही हमारा दर्द समझने वाला...”


पीड़ित खाकी 


बता दें कि बुलंदशहर जिले के गांव शेहेरा थाना बीबीनगर निवासी शोभा चौधरी की ज्वाइनिंग 2016 में हुई थी। सीतापुर में उसकी पहली पोस्टिंग खैराबाद थाने में हुई। तैनाती के समय से ही महिला कांस्टेबल थाना कार्यालय में काम देख रही थी। ​​​​

सीतापुर/उत्तरप्रदेश। सीतापुर जिले के खैराबाद थाने में तैनात एक महिला सिपाही ने शनिवार को सरकारी रिवॉल्वर से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घायल अवस्था में सिपाही को अन्य पुलिसकर्मियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पाकर जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी और अपर पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस के उच्चाधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। पुलिस आत्महत्या के कारण का पता लगाने में जुटी हुई है। एएसपी एमपी सिंह का कहना है कि, आरक्षी ने दरोगा की सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मारी है। जिसकी जांच की जा रही है।


क्या है पूरा मामला


प्राप्त जानकारी के अनुसार, खुदकुशी करने वाली महिला सिपाही शोभा चौधरी (26) यहां के खैराबाद थाने में तैनात थीं। शोभा मूल रूप से बुलंदशहर की निवासी थीं। शनिवार को उन्होंने अपने कार्यालय में अचानक सरकारी रिवॉल्वर से गोली मार ली। अन्य पुलिसकर्मी जब ऑफिस में पहुंचे तो शोभा को खून से लथपथ देखकर दंग रह गए। सभी पुलिसकर्मियो मिल कर उसे कार से इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अभी तक आत्महत्या की कोई ठोस वजह पता नहीं चल पाई है। सूत्रों के मुताबिक महिला सिपाही का ट्रांसफर घर से बहुत दूर होने से वह कई दिनों से परेशान थीं। अडिशनल एसपी मधुबन सिंह ने बताया कि अभी तक आत्महत्या की कोई ठोस वजह पता नही चल सकी है। पुलिस की मामले की जांच की जा रही है।


महिला सिपाही का थाने में लिया गया फ़ोटो


बड़ा सवाल


बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे महिला सिपाही के पास पिस्टल आई और उसने कार्यालय में ही दरोगा की पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली ? नियमानुसार जब भी कोई दरोगा छुट्टी पर जाता है तो वह अपनी सरकारी पिस्टल थाने के हेड मुहर्रिर को देकर जाता है जिसे वह सरकारी मालखाने में जमा कर देता है। अब यहां पर सवाल यह उठता है कि सरकारी पिस्टल महिला कांस्टेबल शोभा चौधरी के हाथों में कैसे आई ? जिस पर अभी कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।