स्काई वॉक को अब नहीं तोड़ने का फैसला

स्काई वॉक को अब नहीं तोड़ने का फैसला


इसके दूसरे उपयोग पर किया जाएगा मंथन


रायपुर / पिछली सरकार के जाने के बाद विवाद में आ गए राजधानी के चर्चित स्काई वाॅक को अब नहीं तोड़ा जाएगा। शासन ने तय कर लिया है कि चूंकि इसमें 35 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, इसलिए इसे तोड़ना उचित नहीं रहेगा। शासन ने विशेषज्ञों से सुझाव मांगे थे और अधिकांश ने कह दिया है कि इसे तोड़ना सही नहीं रहेगा, दूसरा उपयोग किया जाएगा सकता है। स्काईवाॅक पर फैसले को लेकर शासन ने
हाईपाॅवर कमेटी बनाई है। कमेटी ने भी संकेत दिए हैं कि इसे तोड़ने का सुझाव नहीं आया है। विशेषज्ञों ने स्काई वाॅक के दूसरे उपयोग को लेकर ही सुझाव दिए हैं। आचार संहिता खत्म होने की वजह से वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता वाली यह कमेटी जल्द ही बैठकर स्काई वाॅक का दूसरा उपयोग तय करने वाली है। जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की इस हाईपाॅवर कमेटी की पहली बैठक 13 अगस्त 2019 को हुई थी। 6 हफ्ते के बाद फिर से दूसरी बार बैठक हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद नगरीय चुनाव को देखते हुए स्काईलोक की फाइल बंद कर दी गई। वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा इसके अध्यक्ष हैं। अब पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद इस मामले में जल्दी ही बैठक होगी, लेकिन इस बात पर चर्चा नहीं होगी कि क्या स्काईवाॅक को गिरा दिया जाए? बल्कि मंथन इसी बात पर होगा कि इतनी महंगी संरचना का क्या उपयोग कर सकते हैं। 22 सदस्यीय इस कमेटी में कलेक्टर को भी रखा गया है।


कई प्लान के बाद आया स्काई वाॅक
शास्त्री चौक के चारों ओर सड़कों पर जिस स्काई वाॅक की उपयोगिता को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, उसकी जगह पहले इन्हीं सड़कों पर फ्लाईओवर का प्लान अाया था। लेकिन बड़े खर्च की वजह से प्लान धराशायी हो गया। फ्लाईओवर के 2015 में बने प्लान में अनुमानित खर्च 650 करोड़ रुपए अांका गया था। निर्माण से ज्यादा खर्च मुअावजे पर था, इसलिए सरकार भी पीछे हट गई। इसके बाद से लगभग एक साल तक यहां फुट ओवरब्रिज पर चर्चा होती रही। मामला प्लानिंग लेवल तक भी पहुंचा, लेकिन इसी दौरान स्काई वाक का प्लान लांच कर दिया गया। स्काई वाक 49 करोड़ के बजट से शुरू हुअा और 78 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।


लेकिन इसकी उपयोगिता और खर्च पर विवाद कायम था, इसलिए सरकार बदलते ही इसका निर्माण रोक दिया गया और परीक्षण शुरू हो गया। सबसे पहले पीडब्ल्यूडी से शास्त्री चौक और लगी सड़कों पर पैदल चलनेवालों का सर्वे करवाया गया। यह रिपोर्ट विधानसभा में भी पेश हुई। इसके बाद बनी सुझाव समिति ने भी रिपोर्ट सौंप दी। तब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तकनीकी समिति बनाई गई। इसकी रिपोर्ट भी शासन को सौंप दी गई। इसके बाद राजनीतिज्ञों, विशेषज्ञों और शहर के प्रबुद्ध लोगों को लेकर हाईपाॅवर समिति बनाई गई, जिसकी बैठक जल्द होने वाली है। भास्कर की पड़ताल के मुताबिक अब तक शासन को इस बारे में जितनी भी रिपोर्ट गई हैं, सार यही है कि ज्यादातर लोग स्काई वॉक को तोड़ने के बजाय अन्य उपयोग के पक्षधर हैं।


बैठक 10 दिन के भीतर : समिति के चेयरमैन सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि स्काईवाॅक के बारे में तकनीकी सुझाव समिति ने सारा डीटेल दे दिया है। अब सुझाव समिति की बैठक में इस पर बात होगी कि स्काई वॉक का क्या उपयोग होना चाहिए। समिति की बैठक 10 दिन के भीतर होने की संभावना है। इसके बाद विशेषज्ञों समेत सभी पक्षों के सुझावों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। ये सुझाव शासन तक पहुंचा दिए जाएंगे। गौरतलब है, पिछले साल 26 जुलाई को तकनीकी समिति की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। उस बैठक में स्काई वाक के उपयोग पर सुझाव अाए थे, लेकिन फिर हाईपाॅवर कमेटी बन गई थी।


स्काई वॉक पर अगली बैठक जल्द होगी, जिसमें इसके उपयोग पर फैसला संभव है। विशेषज्ञों ने सुझाव दे दिए हैं। इन पर चर्चा की जाएगी। सत्यनारायण शर्मा, अध्यक्ष, हाईपावर कमेटी


स्काई वॉक को तोड़े बिना ही कोई रास्ता निकाला जाएगा, क्योंकि जनता के करीब 35 करोड़ रुपए इसके ढांचे को बनाने में खर्च हो चुके हैं। विकास उपाध्याय, विधायक रायपुर पश्चिम


मैं अगली बैठक में अपनी ओर से एक प्लान सुझाव समिति के सामने प्रस्तुत करूंगा। स्काई वॉक को उपयोगी बनाने पर जल्द फैसला होगा। एजाज ढेबर, महापौर नगर निगम