सेंट्रल जेल में पेड़ से लटकी मिली कैदी की लाश,जेल प्रशासन पर साजिश के आरोप,3 प्रहरी सस्पेंड

सेंट्रल जेल में पेड़ से लटकी मिली कैदी की लाश,जेल प्रशासन पर साजिश के आरोप,3 प्रहरी सस्पेंड






ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर सेंट्रल जेल में पॉस्को एक्ट में बंद एक बंदी ने पेड़ पर लटक कर फांसी लगा ली। घटना की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन ने बंदी के शव को नीचे उतारा। अधीक्षक ने लापरवाही का दोषी पाते हुए तीन प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। मृतक के परिवार वालों का कहना है नरोत्तम की मौत के पीछे जेल प्रशासन की साजिश है।


क्या है पूरा मामला


प्राप्त जानकारी के अनुसार,अधीक्षक सेंट्रल जेल मनोज कुमार साहू के मुताबिक बंदी नरोत्तम रावत ने बीती शाम साढ़े छह बजे खाना खाया था साढ़े साथ बजे तक जब वो बैरक में नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश की गई और तब मालूम चला कि उसने जेल परिसर के अंदर मंदिर के पास लगे पेड़ पर साफी(गमछे) से फांसी लगा ली। जेल अधीक्षक के मुताबिक बंदी नरोत्तम ग्वालियर जिले के करैया थाने के एटमा गाँव का रहने वाला था और 23 जनवरी को पॉस्को एक्ट में जेल में बंद हुआ था। उन्होंने बताया कि घटना में प्रथम दृष्ट्या लापरवाही मिलने पर तीन जेल प्रहरी सस्पेंड कर दिये गए हैं इनमें मुख्य प्रहरी ओम प्रकाश सुमन, प्रहरी मनोज त्यागी, और प्रहरी प्रेम गोयल शामिल हैं। इन तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी की जाएगी।
घटना की सूचना बहोडापुर थाना पुलिस और मृतक के परिजनों को दे दी गई है और मृतक के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है।


थाने में खुद हाजिर हो गया था आरोपी


एक जनवरी को युवक नरोत्तम रावत पर करहिया थाना पुलिस ने पाक्सो एक्ट के तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म और अपहरण का केस दर्ज किया था। दो दिन बाद तीन जनवरी को आरोपी खुद थाने में हाजिर हो गया था। चूंकि वह नाबालिग था, इसलिए उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। बालिग होने पर शुक्रवार को उसे बाल सुधार गृह से सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था।