मुख्य धारा से छूटे लोगों को जोड़ने के लिए हो अधिकारियों का ओरिएंटेशन कोर्स

मुख्य धारा से छूटे लोगों को जोड़ने के लिए हो अधिकारियों का ओरिएंटेशन कोर्स





मुख्य धारा से छूट गये लोगों को मुख्यधारा में लाने के संबंध में प्रभावी कार्यवाही सुनिष्चित करने के लिए आईएएस और अन्य अधिकारियों का ओरिएंटेशन कोर्स होना चाहिए। संचालक सामाजिक न्याय श्री कृष्णगोपाल तिवारी ने अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में व्याख्यान माला ‘असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम’ में ‘वे फारवर्ड टू इनक्लूड द इक्सक्लूडेड’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए यह बात कही।


श्री तिवारी ने कहा कि नौकरी करने से कहीं अधिक कठिन है दिव्यांग को नौकरी हासिल करना। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को इसी समाज में रहना है, अत: 40 से 80 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को सामान्य स्कूलों में ही अध्ययन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की क्षमताओं को जाने बगैर कई बार निर्णय होन से उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में सभी बच्चों को ब्रेल लिपि और साइन लेंग्वेज के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। इससे उन्हें दिव्यांगों के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी।


एटीट्यूड बदलने की जरूरत


श्री तिवारी ने कहा कि तथाकथित पढ़े लिखे लोगों को एटीट्यूड बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई बार नकारात्मक दृष्टिकोंण के कारण दिव्यांगों के हित में सही निर्णय नहीं हो पाते हैं।


श्री तिवारी ने कहा कि किसी भी घटना के बाद व्यक्ति के रिस्पांस पर उसका परिणाम सामने आता है। वह या तो सकारात्मक या नकारात्मक होता है। उन्होंने इस संबंध में थामस एडिसन की लैब के जल जाने और अन्य घटनाओं का दृष्टांत दिया। श्री तिवारी ने कहा कि दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए नित नये उपकरण बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के सहारे दिव्यांग बेहतर जीवन जी सकते हैं।


सहानुभूति नहीं अवसरों की जरूरत


संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं अवसरों की जरूरत है। यह समाज और सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि श्री तिवारी के साथ मिलकर संवेदनशीलता और उन्नत विचारों के साथ दिव्यांगों के संबंध में बेहतर नीति बनायी जायेगी। श्री परशुराम ने कहा कि इंटीग्रेशन और इनक्लूजन के प्रयास तो लगातार किये जा रहे हैं, लेकिन अभी उतनी सफल्ता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि अच्छा टीचर वह है जो कमजोर छात्रों पर अधिक ध्यान देता है।


व्याख्यान माला में श्री तिवारी ने श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। उन्होंने समापन प्रेरक कविता से किया। इस दौरान प्रमुख सलाहकार श्री एम.एम. उपाध्याय, श्री मंगेश त्यागी और श्री गिरीश शर्मा भी उपस्थित थे।




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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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