जैसे सूरज की रोशनी, कभी खत्म नहीं होगी

जैसे सूरज की रोशनी, कभी खत्म नहीं होगी


वैसे ही हमारा संगीत भी कभी नहीं मरेगा: पंडित हरिप्रसाद


भोपाल / बांसुरी की मधुर ध्वनि किसी को भी मंत्रमुग्ध करने के लिए पर्याप्त होती है। फिर वे पद्म विभूषण पंडित हरिप्रसाद चौरसिया हों तब तो बांसुरी सुनना कभी न भूलने वाला हो एहसास साबित होता है। शनिवार को स्पिकमैके द्वारा मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों के बीच पंडित चौरसिया ने बांसुरी वादन किया। दोपहर 12 बजे उन्होंने बांसुरी की तान छेड़ी और एक घंटे तक बजाते रहे। इस दौरान उन्होंने बांसुरी और शास्त्रीय संगीत को लेकर इंजीनियरिंग के छात्रों के साथ संवाद भी किया। कार्यक्रम के बाद दैनिक भास्कर ने उनसे बातचीत की। पढ़िए बातचीत के अंश...


सवाल : प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में सरकारीपन के कारण कहीं न कहीं आंच आ रही है ?


जवाब : ऐसा सरकारी पन के कारण नहीं, ऐसा समय कभी-कभी आता है, जब कुछ अप्स एंड डाउन होता है और होना भी चाहिए। मैं तो कहता हूं कि कुछ गड़बड़ है तो भी ठीक हो जाएगा लेकिन हमारा संगीत कभी नहीं मरेगा, जैसे सूरज की रोशनी, चंद्रमा की ठंडक और नदी का पानी कभी खत्म नहीं होगा। इसलिए ये सब कहने की बात है। देखिए, प्याज और टमाटर महंगा हो रहा है, वैसे ही कला में भी कई बार पैसा नहीं होता है। हो सकता है समस्या कोई हो। देखिए, पैसा नहीं है, लेकिन आपके यहां बजा रहे हैं। कैसे हम आए और कैसे जाएंगे। ये स्पिकमैके वाले जानते हैं। उन्हें क्या कष्ट उठाना पड़ा होगा। उन्हें पैसा मिलेगा कि नहीं ये भी हम नहीं जानते हैं। आदमी जितना संघर्ष करता है, उसको एंज्वाय करता है और खाकर सो जाता है।


सवाल : क्या पारंपरिक वाद्यों के कलाकारों की रुचि कम हो गई है ?
जवाब : कम नहीं हुई है, बहुत बढ़ गई है। आजकल बच्चों को इसका इतना शौक हो गया है। बातें करते हैं, वो रागों और कलाकारों के बारे में जानना चाहते हैं। अब कलाकार उनके कोर्स में आ गए हैं, जिसके बारे में उन्हें पढ़ाया जाता है। आज की जनरेशन हम लोगों से बहुत अच्छी है। वह डरते नहीं हैं, स्टेज पर जाते हैं और जो मन करता है, वो बजाते हैं। हम लोग तो नर्वस फील करते थे, वो नहीं होते। पढ़ाई भी करते हैं और गाते-बजाते भी अच्छा हैं।


सवाल : कहा जा रहा है कि एक दिन विदेशी हमें शास्त्रीय संगीत सिखाने आएंगे ?
जवाब : शास्त्रीय संगीत का चलन भले बढ़ गया हो, लेकिन विदेशों में गया तो हमारे यहां से ही। आजकल बच्चों को अपने संगीत से बहुत लगाव है और वह बहुत अच्छा कर रहे हैं।


सवाल : नई पीढ़ी शास्त्रीय संगीत सीखकर वेस्टर्न म्युजिक और रियलिटी शो में चले जाते हैं, क्या ये सही है ?
जवाब : ऐसा कुछ दिनों के लिए बीच में हुआ था। परंतु अब वो भी खतम हो गया है। बच्चों को ये अच्छा नहीं लगता है। उन्हें अपना शास्त्रीय संगीत की अच्छा लगता है। भले वह गाएं और बजाएं नहीं, लेकिन वह अच्छा सुनना चाहते हैं।


सवाल : युवा यूट्यूब और सोशल मीडिया से सीख रहे हैं, ये कितना सही है?
जवाब : युवाओं को गुरुजन नहीं मिलेंगे तो वह यही करेंगे। गुरुजन नहीं मिल रहे हैं, वह कभी अमेरिका और यूरोप जा रहे हैं। सरकार की तरफ से संगीत के अच्छे गुरु मिल जाएं, हर राज्य में तो हमारे युवा बहुत अच्छा करेंगे और सीखेंगे। बच्चों को जितना मिलेगा, वह उतना अच्छा करेंगे। गुरु कम हैं और जो हैं वह अपने में व्यस्त रहते हैं।


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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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