दलित हत्याकाण्ड को लेकर सडकों पर उतारा 3 जिलों का वन कर्मचारी संघ, ज्ञापन देकर की जांच की मांग


दलित हत्याकाण्ड को लेकर सडकों पर उतारा 3 जिलों का वन कर्मचारी संघ, ज्ञापन देकर की जांच की मांग







शिवपुरी। म.प्र. वन कर्मचारी संघ के तत्वाधान में आज तीन जिलों के कर्मचारियों ने गुना व अशोकनगर के वन अधिकारी और कर्मचारियों ने 13 फरबरी को करैरा में हुई दलित की हत्या मामले को लेकर कलेक्टर ओर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर जांच की मांग की है। इस मामले में अभी तक पुलिस ने 14 में से 6 आरोपी वन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वह कर्मचारी संघ ने मांग की है कि आरोपी बनाए गए कर्मचारियों में से आधे तो घटना के वक्त मौजूद ही नहीं थे। 

मृतक को जो गोली लगी वो किस हथियार से चली, इसमें भी संदेह जाहिर किया गया है। इस मामले में पुलिस ने एक राजपत्रित अधिकारी सहित डिप्टी रेंजर ओर अन्य कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले को लेकर वन कर्मचारियों मे भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है और ज्ञापन के बाद लम्बी लड़ाई के मूड में वन कर्मचारी दिखाई दे रहे है। म.प्र. वन कर्मचारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि सोनचिरैया अभ्यारण के अंतर्गत वन विभाग के गस्ती दल पर अपराधियों द्वारा किए गए प्राणघातक हमला करने के दौरान हुई एक व्यक्ति की मृत्यु की जांच कराने की मांग की हैं।

मृतक व्यक्ति के परिवार द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। उसमें उल्लेखित नाम एसके शर्मा, डिप्टी रेंजर राठौर, रवि बाथम, मुकेश बाथम, रामेश्वर रावत, नंदराम जाटव, गणेश गौतम, सरदार परगट सिंह एवं चार अन्य कर्मचारी मौके पर मौजूद न होकर शिवपुरी में उपस्थित थे। उनके विरूद्ध एफआईआर में नाम दर्ज कराने पर संघ द्वारा विरोध किया गया हैं। वन कर्मचारी संघ द्वारा उपरोक्त मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की हैं। राज्य शासन में वन कर्मियों की सीआरपीसी की धारा 197 वें में वर्ष 2004 में यह स्पष्ट प्रावधान किया गया हैं कि किसी वन कर्मचारी द्वारा ड्यूटी के दौरान वन अपराध को रोकने में हमला होता हैं।इसके बचाव में यदि किसी अपराधी या किसी व्यक्ति मृत्यु हो जाती हैं तो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराकर वस्तुतस्थिति तथा प्रकरण के गुणदोष के आधार पर आवश्यक होने पर वन कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जा सकती हैं। 




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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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