वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बेदी ब्रदर्स ने फोटो जर्नलिस्ट शान बहादुर से साझा किए अनुभव

, कहा-


 






 

मशहूर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर राकेश बेदी और नरेश बेदी (बेदी ब्रदर्स) भोपाल लिट्रेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान दैनिक भास्कर के फोटोजर्नलिस्ट शान बहादुर ने बेदी ब्रदर्स से वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के चुनौतियों, जंगल के किस्सों और टिप्स पर बात की।

इसमें कोई री-टेक नहीं

वाइल्फलाइफ फोटोग्राफी और फैशन फोटोग्राफी में यही भिन्नता है कि, जंगल में जो जिस पल में बीत गया, वह बीत गया। आपने खींच लिया तो आपका, वरना उसको दोबारा नहीं किया जा सकता। पहले जंगल और उसके जानवरों की स्टडी होनी चाहिए। यह जानना होगा कि कौन सा जानवर एग्रेसिव है, तो फोटोग्राफी के लिए उसके कितने करीब जा सकते हैं, जीप के अंदर ही रहना पड़ेगा या वाइड एंगल से खींचना होगा। यह स्टडी होगी तो आप प्लान कर पाएंगे कि कौन सा लेंस इस्तेमाल करना है। इसके लिए पैशन और इक्विपमेंट दोनों चाहिए।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में हमेशा जूम चाहिए हो, ऐसा नहीं है। एक हाथी का फोटो मैंने करीब से लिया, फिर भी इसमें वाइड एंगल महसूस करते हैं, क्योंकि यह वाइड एंगल से लिया हुआ ही है। सिर्फ सूंढ देखकर भी आपको ग्रासलैंड, गर्मियों का दिन, सन-सेट का समय इसमें दिखता है। मैंने पहले ही स्टडी कर ली थी कि यह हाथी कैसा है। यह हमला करेगा या नहीं। 800 एमएम न हो, तो आप यह फोटो नहीं ले सकते, क्योंकि बच्चे की मां और दूसरी हथिनियां बच्चे को छिपाकर रखती हैं। यह लॉन्ग लेंस था, मैं दूर बहुत था। दूरी रखते हुए भी उनके करीब हूं, बिना उनको डिस्टर्ब किए हुए।

सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने की जल्दबाजी में जंगल को महसूस नहीं कर पाते युवा: बेदी ब्रदर्स

अब शेर कैमरे से नहीं डरते

आपके व्यवहार से जानवर न हों डिस्टर्ब

जब स्नो लेपर्ड को देख कांप गए...






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