उमंग हेल्पलाइन पर चार दिन में 1958 कॉल आए

, पांच किशोरों में मिले सुसाइडल टेेंडेंसी के लक्षण



भाेपाल / किशाेरों के लिए 13 जनवरी से शुरू की गई उमंग हेल्पलाइन में अब तक 1958 काॅल पहुंचे। इसमें पांच ऐसे किशाेराें ने फाेन किया, जिनमें सुसाइडल टेेंडेंसी के लक्षण मिले। बातचीत में काउंसलराें ने ताड़ लिया कि ये किशाेर सामान्य से अलग हैं। उन्हाेंने किशाेराें से न केवल माता-पिता के माेबाइल नंबर निकलवाए, बल्कि अभिभावकाें काे भी सचेत किया वे अपने बच्चाें पर नजर रखें। 


पांच में चार किशाेर अपने घर के इकलाैते बच्चेे हैं। एक किशाेर के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से वह अपने जीवन से निराश हाे गया है। काउंसलरों द्वारा पांचाें बच्चाें की काउंसलिंग कर रही है। डायरेक्टर माया बाेहरा ने बताया कि हेल्पलाइन में गाेपनीयता हाेनेे की वजह से किशाेर अपनी समस्या खुलकर बता रहे हैं। इसमें उनके शारीरिक बदलाव, मानसिक परेशानी सहित कई तरह की काॅल शामिल हैं।  


आत्महत्या का विचार आने से पहले एक बार करें काॅल
डायरेक्टर का कहना है कि हेल्पलाइन नंबर 14425 में कॅरियर, एजुकेशन, फिजिकल चेंजेज, बेड हेबिट, मेंटल  प्राॅबल्म, डिप्रेशन आदि समस्याओं का समाधान किया जाता है। आत्महत्या का विचार आने से पहले एक बार किशाेर या किशाेरी एक बार जरूर हेल्प लाइन में काॅल करें।


यह सोचकर रुक जाता हूं कि मेरे बाद उनका क्या होगा?
हैलाे हेल्पलाइन... क्या आप मेरी समस्या हल कर सकती हैं। काउंसलर- हां बताओ, जरूर हल करेंगे। हम आपकी ही मदद के लिए हैं। किशाेर- मेरी बात किसी काे नहीं बताओगे। काउंसलर .. बिल्कुल नहीं। किशाेर...मेरे माता-पिता अधिकारी हैं। मैं उनकी इकलाैती संतान हूं। अब मैं बच्चा नहीं रह गया हूं। मैं बड़ा हाे गया हूं। वे अभी भी मुझसेे ऐसा बर्ताव करते है, जैसे मैं दूधपीता बच्चा हूं। वे मुझे खुलकर जीने नहीं दे रहे हैं। माता-पिता ने मुझे पैदा जरूर किया है लेकिन वे मुझे अपना इंवेस्टमेंट मानते है। मैं उनकी संपत्ति नहीं हूं। वे यह बात समझने को तैयार नहीं हैं। काैन मेरे दाेस्त बनें और काैन नहीं। यह वे डिसाइड नहीं कर सकते। मुझे खुलकर जीने की आजादी चाहिए, जाे मुझे नहीं मिल रही। कई बार लगता है कि खुद काे खत्म कर लूं.. लेकिन यह सोचकर रुक जाता हूं कि मेरे बाद उनका क्या हाेगा.. मैं उन्हें प्यार करता हूं। 
(जैसा कि किशाेर ने काउंसलर से चर्चा में कहा)


अमीर बनने का तरीका बताओ या माैत का 
हैलाे.. हेल्पलाइन! मुझे जीवन जीने के तरीके बता सकती हैं। काउंसलर.. बिलकुल। किशाेर... मेरी उम्र 15 साल की है। अभी सरकारी स्कूल में पढ़ रहा हूं। मैं जब दूसरे बच्चाें काे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते देखता हूं ताे मुझे जलन हाेती है कि मेरी किस्मत में संपन्न परिवार क्याें नहीं था। माता-पिता मजदूरी करते हैं। मैं पढ़ लिखकर बढ़ा आदमी बनना चाहता हूं। मेरी स्थिति ऐसी है कि काॅलेज में पढ़ाई के रुपए नहीं जुट पाएंगे। माता-पिता पढ़ाई छुड़ाकर मजदूरी करने के लिए लगा देंगे। गरीबी से बचपन गुजारते हुए तंग आ गया हूं। आप मुझे अमीर बनने का तरीका बताओ या फिर मरने का। काउंसलर...अमीर बनने का तरीका है पढ़ाई, नाैकरी और व्यवसाय। इसके लिए सरकार की बहुत सी याेजनाएं हैं, जाे आपकी मदद कर सकती हैं। आप आत्मबल न खाेएं। जिंदगी से उम्मीद रखे एक दिन आप अमीर जरूर बनने आप लगातार हमारे संपर्क में रहे।


(उमंग हेल्पलाइन की किशाेर से हुई बातचीत)



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