सीएए के विरोध में धरने पर महिलाएं, जामिया छात्रों ने किया समर्थन

, बोले- हमारी लड़ाई संविधान बचाने की





न के विरोध में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के मंसूर अली पार्क में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर तमाम महिलाएं बच्चों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही हैं। इस प्रदर्शन को जामिया कोआर्डिनेट कमेटी के छह छात्रों ने समर्थन दिया है और वे खुद धरना स्थल पर पहुंच गए हैं। इनकी ओर से धरने में लोगों से शांति की अपील की गई।





रोशनबाग के रहने वाले जीशान रहमानी जामिया विश्वविद्यालय में मॉस कम्युनिकेशन के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। वह मंसूर अली पार्क के विरोध-प्रदर्शन में रविवार से डटे हुए हैं। इसी तरह मिनहाजपुर निवासी मो. सईद भी जामिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं। विरोध में शामिल होने के लिए सोमवार सुबह वह भी यहां आ गए। इसके अलावा जामिया के कई और छात्र इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए हैं। 



जीशान रहमानी ने बताया कि फरहान उस्मानी, उमर खालिद, मो. सैफ, हम्माद अहमद जाफरी, मसूद अंसारी भी इस विरोध-प्रदर्शन के लिए जामिया से आए हुए हैं। जामिया को-आर्डिनेट कमेटी की ओर से सभी प्रदर्शनकारियों को सात सूत्री अपील का पम्फलेट भी बांटा गया। इसे कई जगह चस्पा भी कराया गया। 



अपील में जामिया छात्रों ने लिखी ये बातें- 


धरना प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें


ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखें जो पत्थरबाजी करते हैं या किसी प्रकार की हिंसा के लिए लोगों का सहारा लेते हैं।


असामाजिक तत्वों को चिह्नित कर भीड़ से बाहर निकालें


ध्यान रखें धरने में धार्मिक नारे न लगाएं। हमारी यह लड़ाई संविधान बचाने की है।


पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान न पहुंचाएं। वो हमारी अपनी संपत्ति है।


ऐसे लोग जो प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं और राहगीर हैं तो उनकी जहां तक हो सके मदद करें।


याद रखें आप की लड़ाई सरकार से है पुलिस या किसी नागरिक से नहीं।