सीबीएसई स्कूलों में गुस्से पर काबू रखने के लिए टीचर्स तैयार कर रहे गुड बुक



भोपाल / सीबीएसई ने हाल ही में मान्यता प्राप्त स्कूलों को 'एंगर फ्री जोन' बनाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि शिक्षक, अभिभावक, स्कूल प्रशासन सभी गुस्से पर काबू रखेंगे और स्टूडेंट्स के सामने मिसाल पेश करेंगे। बोर्ड का मानना है कि, इससे स्टूडेंट्स मानसिक तौर पर सक्रिय और भावनात्मक तौर पर स्वस्थ होंगे। "जॉयपफुल एजुकेशन एंड होलिस्टिक फिटनेस' के तहत की गई पहल ने बोर्ड ने सुझाव दिया है कि टीचर और स्टूडेंट दिन भर मोबाइल फोन में न लगे रहें और गहरी लंबी सांस लें।


शहर के स्कूलों ने इसके लिए कुछ अपने तरीके इजाद किए हैं-


आनंद विहार स्कूल के प्रिंसिपल शैलेष झोपे ने बताया- एंगर मैनेजमेंट के लिए स्कूल में उस स्थान पर नो-एंगर जaन का बोर्ड लगाया है जहां पेरेंट्स बच्चों को लेने और छोड़ने आते हैं। अक्सर पेरेंट्स बच्चों को ढूंढ़ते वक्त या छुट्‌टी का इंतजार करते हुए पैनिक हो जाते हैं। उनको गुस्सा ना आए इसके लिए उस एरिया में हमने दो हेल्पर्स भी रखे हैं। टीचर्स के लिए एंगर मैनेजमेंट सेशन कराया है, जिसमें स्कूल और बच्चों से जुड़ी अच्छी यादों और घटनाओं की गुड बुक बनाने को कहा है, ताकि जब भी उन्हें क्लास में गुस्सा आए, तो अच्छी चीजों को याद कर गुस्से को कम कर सकें।


हर सुबह 10 मिनट मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग: कार्मल कॉन्वेंट की सिस्टर पवित्रा ने बताया- बच्चों और टीचर्स की हर दूसरे महीने में एंगर मैनेजमेंट वर्कशॉप शुरू की है। सुबह जल्दी उठकर बच्चे स्कूल पहुंचते हैं, जल्दबाजी में तैयार होते हैं। कई पेरेंट्स उनको समय पर तैयार होने के लिए डांटते भी हैं। स्ट्रेस होता है। ऐसे में असेम्ब्ली में 10 मिनट का मेडिटेशन और डीप ब्रिदिंग सेशन शुरू किया है। डीपीएस की प्रिंसिपल विनीता मलिक ने बताया- बच्चे दिन की शुरुआत मेडिटेशन, गुड थॉट्स से करते हैं, ताकि उनकी एनर्जी को चैनलाइज किया जा सके।



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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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