संजीवनी सोसायटी ने 1100 करोड़ के फर्जी लोन बांटे

, साबित करने के लिए 30 लाख फर्जी कागजात भी बना दिए



जयपुर / निवेशकों को बेवकूफ बनाने के लिए क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों ने तमाम हथकंडे अपनाए। निवेशकों की राशि दूसरी कंपनियों को लोन देने के नाम पर खुद हड़पी। इसी लोन के कमीशन के तौर पर मोटी रकम संचालकों ने अपने रिश्तेदारों को दी। इन सोसायटियों ने लोगों को 1 लाख से 2 करोड़ रुपए तक लोन के रूप में कैश बांट दिए। जांच में ये बोगस ग्राहक निकले।


कंपनी के संचालकों ने ये पूरी रकम खुद हड़प कर ली। हैरान करने वाली बात यह है कि दो-दो करोड़ रुपए तक का लोन कैश में दिया गया, लेकिन न तो आयकर विभाग ने ही कोई कार्रवाई की, न ही ऑडिट में इस घपले को पकड़ा गया। संजीवनी क्रेडिट सोसायटी ने लोगों से 1100 करोड़ निवेश के नाम पर ठगे। निवेशकों को बताया कि ये राशि बतौर लोन बांटी गई है। कागजों में 60 हजार लोगों को ये 1100 करोड़ का लोन देना दर्शाया। एसओजी ने रिकॉर्ड मांगा तो 30 लाख कागजात पेश किए। 


सोसायटी ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाएं खोलीं। संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की शुरुआत 2007 में बाड़मेर से हुई थी। इसका सीएमडी रामसर बाड़मेर निवासी विक्रम सिंह है। विक्रम सिंह को सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। तीन क्रेडिट सोसायटियों आदर्श, संजीवनी व नवजीवन क्रेडिट सोसायटी ने ही करीब 16 हजार करोड़ की धोखाधड़ी की है।


दाे-दाे कराेड़ तक के लाेन कैश में बांटे


क्रेडिट सोसायटियों ने खर्च दिखाने के लिए अनाप-शनाप गिफ्ट्स की भी फेहरिस्त निवेशकों को दिखाई। आदर्श क्रेडिट सोसायटी ने इस फर्जीवाड़े में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। सोसायटी ने 20 लाख निवेशकों से रकम ऐंठी, 28 राज्यों में शाखाएं खोलीं। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में जमा राशि का खर्च दिखाने के लिए डेढ़ लाख लोगों को बतौर गिफ्ट कोट-पैंट का कपड़ा देना दिखाया गया। एक कोट-पैंट की कीमत 15 हजार थी। यानी 225 करोड़ रुपए के कोट-पैंट बांटना बताया। एसओजी की जांच में कोट-पैंट खरीद के सभी बिल फर्जी पाए गए। अब एसओजी कंपनी के दावे की जांच के लिए मुंबई में उन कंपनियों से बात कर रही है, जिनके बिल आदर्श क्रेडिट सोसायटी ने कोट-पैंट की खरीद के एवज में लगाए हैं।


संजीवनी ने 100 फर्जी कंपनियां खड़ी कर दीं


संजीवनी क्रेडिट सोसायटी ने लोन के ग्राहक के तौर पर 100 फर्जी कंपनियां दिखाईं। इन सभी कंपनियों के प्रॉफिट और डिवीडेंड के फर्जी कागज दिखाकर निवेशकों को झांसे में रखा। सिर्फ राजस्थान में ही इसके 146991 निवेशक थे, जिन्होंने 953 करोड़ रुपए का निवेश किया था।


नवजीवन सोसायटी: करोड़ों रुपए के फर्जी लोन सॉफ्टवेयर के जरिये ही बांट दिए


नवजीवन क्रेडिट सोसायटी ने तो फर्जी लोन बांटने में एक नया ही रिकॉर्ड कायम कर लिया। सोसायटी ने किसी तरह के कोई कागजात ही नहीं जमा किए। निवेशकों को बताया कि सारा लोन सॉफ्टवेयर के जरिये बांटा जा रहा है। सॉफ्टवेयर में लोगों के नाम और उन्हें दिए गए लोन की राशि तो दर्ज है, मगर ये सारे लोग फर्जी हैं। एसओजी ने सोसायटी के निदेशक गिरधर सिंह ढाका को सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया था। सोसायटी ने राजस्थान में 206 समेत देश भर में 228 शाखाएं खोली। 193821 निवेशकों को सदस्य बनाया। इसमें 391.21 करोड़ रु. की राशि निवेश की गई। जिसमें राजस्थान में 349.37 करोड़ रु. निवेश किए गए।


यूं बांटे फर्जी लोन













































फर्जी नाम    लोन राशि
धनसिंह    1.95 करोड़
मांगीलाल    1.97 करोड़
राधेश्याम    1.17 करोड़
वीरमा राम    78 लाख
सुरेंद्र    1.70 करोड़
रणजीत यादव    1.90 करोड़
ओमप्रकाश    1.95 करोड़
पुखराज    1.00 करोड़
हरीश कुमार    2.35 करोड़

नाम और पूरी प्रक्रिया ही फर्जी : मिड्‌ढा


हमने संजीवनी क्रेडिट साेसायटी के लाखाें कागजात जब्त किए हैं। इनमें लाेन लेने वालाें के नाम भी फर्जी हैं और प्रक्रिया भी। नवजीवन क्रेडिट साेसायटी ने ताे लाेन काे साॅफ्टवेयर के जरिये ही बांट दिया। 2-2 कराेड़ तक के लाेग सीधे कैश बांटे गए। - सत्यपाल मिड्‌ढा, एसओजी की अपराध शाखा के प्रमुख



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