समाज विकास के लिए मानवीयता के भाव को सदैव अपने अंदर रखना है

: न्यायाधीश


दतिया / राष्ट्र व समाज के सर्वांगीण विकास के लिए मानवीयता के भाव को सदैव अपने अंदर रखना चाहिए और उसके तहत जन सेवा के लिए आगे आना चाहिए। यह बात रविवार को वरिष्ठ अधिवक्ता टीएन चतुर्वेदी द्वारा मूक बधिर आवासीय विद्यालय में आयोजित स्वैच्छिक सहायता कार्यक्रम में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हितेंद्र द्विवेदी ने कही।





वरिष्ठ अधिवक्ता श्री चतुर्वेदी, उनकी प|ी आशा चतुर्वेदी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया समाज सेवा पुरस्कार से सम्मानित निवेदिता चतुर्वेदी द्वारा मूक बधिर विद्यालय में स्वैच्छिक सहायता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीमती निवेदिता चतुर्वेदी ने जन सेवा के कार्यों को जमीनी स्तर पर आकर किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और भविष्य में भी इस तरह के स्वैच्छिक सहायता कार्यक्रम आयोजित करते रहने का संकल्प लेते हुए समाज सेवा के क्षेत्र में सुधारों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ अधिवक्ता चतुर्वेदी ने कहा कि समाज सेवा ऐसा क्षेत्र है, जिसमें जितना कार्य किया जाए उतना कम है।

समाज के गरीब, वंचित, पीड़ित, दिव्यांग और जरूरतमंदों की कोई जाति, धर्म, समुदाय या संप्रदाय नहीं होता है। इसलिए जन सेवा के कार्य को सभी को अपना दायित्व समझकर इन भेदभाव से ऊपर उठकर करना चाहिए। इस दौरान श्री चतुर्वेदी व उनके परिवार द्वारा छात्रावास में निवासरत छात्र छात्राओं को गद्दे व राशन सामग्री प्रदान की। कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश कृष्णमूर्ति मिश्र, सलीम खान, अजय सविता, विनय तिवारी, नवेंदु चतुर्वेदी, श्याम बाबू शर्मा, दीक्षा खरे, अनुश्री कविजू, नम्रता खरे, अमित सोनी, उत्कर्ष कौशिक, ऋषभ सोनी, केतन मोदी, राज वर्मा संस्था संचालक सुख सिंह गौतम आदि मौजूद रहे।

मूकबधिर विद्यालय में गद्दा दान करते न्यायाधीश और अन्य।




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