फैसले तक न जेडीए कार्रवाई करेगा ना किसान धरना देंगे

निर्णायक वार्ता,



जयपुर / नींदड़ आवासीय योजना को लेकर पहली बार किसान प्रतिनिधि मंडल और जेडीए की ओर से गठित कमेटी की बैठक हुई। मुख्य सचेतक महेश जोशी की पहल पर जेडीए ने 7 सदस्यीय कमेटी गठित की है। जिससे बातचीत करने के लिए सोमवार को किसान प्रतिनिधि मंडल जेडीए पहुंचा। जोशी भी बैठक के लिए पहुंचे थे, हालांकि प्रतिनिधि मंडल को आते-आते थोड़ी देर हो गई।


इसके बाद जेडीए कमेटी ने प्रतिनिधि मंडल से उनकी मांगें और सुझाव मांगे। खास तौर पर यह बात तय हुई कि जब तक मांगों पर कोई निर्णय नहीं हो जाता, तब तक जेडीए मौके पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। वहीं किसानों की प्रमुख मांग नए अवाप्ति नियम 2014 के तहत कार्रवाई को लेकर है।


बहरहाल कमेटी ने मंडल से उनके प्रस्ताव लिखित में सौंपने को कहा है, ताकि इनको पूरी तरह कानूनी पहलुओं से दिखाया जा सके।वार्ता में बतौर कमेटी सदस्य अतिरिक्त आयुक्त (एलपीसी) गिरीश पाराशर, अतिरिक्त आयुक्त (पीआरएन) अवधेश सिंह, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी, संयुक्त निदेशक विधि अनंत कुमावत, अतिरिक्त निदेशक (राजस्व) देवेन्द्र अरोड़ा, अधीक्षण अभियंता रामप्रसाद और नोडल अधिकारी के तौर पर संबंधित जोन उपायुक्त मनीष फौजदार थे। वहीं किसान प्रतिनिधि मंडल से नगेंद्र शेखावत सहित छः काश्तकार और कॉलोनीवासी उपस्थित थे। 
 


कई जोन में अवाप्ति के विवाद, उन पर स्थिति साफ करे जेडीए


जेडीए ने रिंग रोड में प्रभावित किसानों को विकसित भूमि देते समय स्पेशल प्रोजेक्ट मान लीज माफी की थी। लेकिन लीज के मसले व्यक्तिगत ज्यादा हैं। अवाप्ति मसलों में बड़ी तादात में कई जगह किसान प्रभावित हैं तो जेडीए के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट भी विवादों में हैं। जेडीए के सभी बाहरी जोनों में अवाप्ति के बड़े-बड़े प्रकरण विचाराधीन है।


सेंट्रल स्पाइन, लोहा मंडी जैसे बड़े बड़े प्रकरण 15-15 साल से कोर्ट कचहरियों में चल रहे हैं। कहने-भर को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कानून के बाहर समझाइश से बातचीत कर समाधान निकालने को कहा, लेकिन जेडीए की फैलियर के चलते बातचीत ही शुरू नहीं हो पाई। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि क्या नींदड़ के साथ इन पर भी समान रूप से समाधान के प्रयास होंगे?


हम चाहते हैं कि भले ही कोई सरकार हो, लेकिन वह किसानों की मांगों पर साफ दिल से बात करे। किसानों को जमीन का उचित मुआवजा समय पर मिले। नींदड़ के किसान वार्ता के लिए आगे आए हैं। अवाप्ति के दूसरे मसलों पर भी बात रखेंगे। जल्द ही विवाद को सुलझा लिया जाएगा।


महेश जोशी, मुख्य सचेतक