मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए इससे पतन हाे जाता है

: रामस्वरूपाचार्य





दतिया / संसार में जितने भी अहंकार किया है उसका पतन हुआ है। फिर चाहे देवी देवता हो या इंसान। भगवान श्री हरि जिससे भी प्रेम करते हैं उसके अहंकार को किसी न किसी रूम में आकर दूर कर देते हैं। इसलिए मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। यह बात बग्गीखाना प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा में मंगलवार को कथा व्यास रामस्वरूपाचार्य जी महाराज ने कही।

उन्होंने कहा कि मनुष्य को संसार में भगवान से संबंध बनाकर चलना चाहिए। लोगों के बहकावे में आकर कभी भी भगवान से संबंध नहीं बिगाड़ना चाहिए। कथा व्यास ने भगवान श्रीराम और जानकी के विवाह की कथा कहते हुए कहा कि मिथलेश नरेश जनक ने अपनी पुत्री के विवाह के लिए स्वयंवर रचा। स्वयंवर में देश के कोने कोने से 10 हजार से ज्यादा राजा शामिल हुए। लेकिन कोई भी धनुष को डिगा नहीं पाया। अंत में महाराज जनक व्याकुल होने लगे तो गुरू की आज्ञा से श्रीराम खड़े हुए। श्रीराम ने धुन की ओर जैसे ही हाथ बढ़ाया तो धनुष खुद ही हाथों में आ गया। श्रीराम और धनुष की आपस में बातचीत होने लगी। श्रीराम ने धनुष से टूटने की आज्ञा मांगी तो धनुष ने सहर्ष कह दिया तोड़ दो। इसके बाद राम ने धनुष तोड़ दिया। धनुष टूटते ही सभी राजा वहां आ गए और टूटे हुए धनुष से झगड़ते हुए बोले कि हमसे क्यों नहीं टूटे। धनुष ने जवाब देते हुए कहा कि मैं जहां से टूटना चाहता था तुम लोग वहीं पकड़ रहे थे। इसलिए मूर्ख कौन है, पहले यह तय करो। इसके बाद राजा आपस में तलवारें चलाने लगे। नारद उन्हें समझाने पहुंचे। इतने में श्रीराम और सीता जी का विवाह हो गया।

श्यामाचरण खरे की स्मृति में आज होगा कवि सम्मेलन

श्रीरामकथा समिति के महासचिव संघर्ष यादव ने बताया कि श्यामाचरण खरे की स्मृति में बुधवार 8 जनवरी को रात 8 से 11 बजे तक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। कवि सम्मेलन में गीतकार सोम ठाकुर, हास्य कवि तेजनारायण शर्मा बेचैन, गीतकार संतोष सोनकिया, कवयित्री ममता बाढ़ी व स्थानीय कवि शामिल होंगे।