महेश्वर / नर्मदा के सहस्रधारा प्राकृतिक ट्रैक पर शुक्रवार से 7वीं राष्ट्रीय कैनो सलालम स्पर्धा शुरू हुई। पहले दिन जूनियर बालक-बालिका वर्ग की कैनो व कयाक क्वार्टर व सेमीफाइनल स्पर्धाएं हुई। बालक वर्ग में 28 और बालिका वर्ग में 12 खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। मप्र व मप्र एकेडमी ने पहले दिन से ही बढ़त बनाई। सहस्रधारा की तेज धार में सुबह जूनियर बालक वर्ग व दोपहर में बालिका वर्ग की स्पर्धा हुई। पानी का बहाव अच्छा होने से रोमांचक खेल देखने को मिला। 200 मीटर दूरी में लगे 1 से 20 गेट पार करने के आधार अंक दिए गए। कोच विनोद मिश्रा ने बताया स्पर्धा में मप्र अकादमी, मप्र, कर्नाटक, केरल, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर के 180 खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं। शनिवार को सीनियर बालक-बालिका वर्ग की कैनो व कयाक का क्वार्टर व सेमीफाइनल और जूनियर वर्ग का फाइनल होगा। भारतीय कयाकिंग व केनोइंग संघ सचिव प्रशांत कुशवाह, कैनो पाेलो के चेअरमेन योगेंद्रसिंह राठौर, कोच अश्विन पांडे, देवेंद्र गुप्ता, कुलदीपसिंह कीर, जिला कयाकिंग व केनोइंग संघ सचिव विक्रम यादव, खेल व युवा कल्याण अधिकारी पवि दुबे आदि मौजूद थे।
एशियन चैंपियनशिप के लिए रैंकिंग
मार्च माह में थाईलैंड में एशियन चैंपियनशिप का आयोजन होगा। इस स्पर्धा में शामिल खिलाड़ियों की प्रदर्शन के आधार रैंकिंग की जा रही है। चयनित खिलाड़ी सहस्रधारा में ही लगने वाले शिविर में शामिल होंगे। इसके बाद एशियन चैंपियनशिप के लिए टीम का चयन किया जाएगा।
180 खिलाड़ियों के लिए चलित सुविधाघर व टेंट लगाए
सहस्रधारा ट्रैक तक पहुंच मार्ग की कमी से खिलाड़ी सुबह आधा किलोमीटर तक चप्पू व बोट उठाकर पहुंचे। शाम को भी यही स्थिति बनी। हालांकि दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशन के बाद संघ ने पत्थरों पर मिट्टी भी डलवाई ताकि खिलाड़ियों को ट्रैक तक पहुंचने में सुविधा हो। सहस्रधारा ट्रैक पर महिलाओं के लिए चलित सुविधाघर के साथ टेंट की व्यवस्था की गई। ट्रैक क्षेत्र में बिजली की सुविधा भी परेशानी बनी। जनरेटर भी बंद होने से स्पर्धा के बाद परिणामों की घोषणा नहीं हो पाई।
नहीं पहुंचा स्वास्थ्य अमला
स्पर्धा आयोजन से पहले खेल एवं युवक कल्याण विभाग और संघ ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था। इसमें स्वास्थ्य दल भेजने का आग्रह किया था ताकि खिलाड़ियों के घायल होने पर त्वरित इलाज मिल सके। लेकिन शुक्रवार को दल नहीं पहुंचा। गनीमत रही कि स्पर्धा के दौरान कोई घटना नहीं हुई।
एशियन चैंपियनशिप के लिए रैंकिंग
मार्च माह में थाईलैंड में एशियन चैंपियनशिप का आयोजन होगा। इस स्पर्धा में शामिल खिलाड़ियों की प्रदर्शन के आधार रैंकिंग की जा रही है। चयनित खिलाड़ी सहस्रधारा में ही लगने वाले शिविर में शामिल होंगे। इसके बाद एशियन चैंपियनशिप के लिए टीम का चयन किया जाएगा।
180 खिलाड़ियों के लिए चलित सुविधाघर व टेंट लगाए
सहस्रधारा ट्रैक तक पहुंच मार्ग की कमी से खिलाड़ी सुबह आधा किलोमीटर तक चप्पू व बोट उठाकर पहुंचे। शाम को भी यही स्थिति बनी। हालांकि दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशन के बाद संघ ने पत्थरों पर मिट्टी भी डलवाई ताकि खिलाड़ियों को ट्रैक तक पहुंचने में सुविधा हो। सहस्रधारा ट्रैक पर महिलाओं के लिए चलित सुविधाघर के साथ टेंट की व्यवस्था की गई। ट्रैक क्षेत्र में बिजली की सुविधा भी परेशानी बनी। जनरेटर भी बंद होने से स्पर्धा के बाद परिणामों की घोषणा नहीं हो पाई।
नहीं पहुंचा स्वास्थ्य अमला
स्पर्धा आयोजन से पहले खेल एवं युवक कल्याण विभाग और संघ ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था। इसमें स्वास्थ्य दल भेजने का आग्रह किया था ताकि खिलाड़ियों के घायल होने पर त्वरित इलाज मिल सके। लेकिन शुक्रवार को दल नहीं पहुंचा। गनीमत रही कि स्पर्धा के दौरान कोई घटना नहीं हुई।