पेड़ पौधे हैं तो ऑक्सीजन है, और ऑक्सीजन है तो हम हैं,
पोहरी / पेड़ पौधे हैं तो ऑक्सीजन है, और ऑक्सीजन है तो हम इंसान जीवित हैं। जंगल में जंगली जानवरों को जंगल में घूमते देख कर कितना अच्छा लगता है और घर से बाहर घूमने जाने पर कैसी अनुभूति होती है। जैसे बहुत से सवालों का बच्चों से जवाब जानने के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के तहत पोहरी क्षेत्र के 120 शासकीय स्कूली बच्चों को अनुभूति कार्यक्रम के तहत शिवपुरी के नेशनल पार्क में घुमाने के लिए ले जाया गया।
उन्हें जॉर्ज कैसल कोठी को दिखाया और उससे जुड़े इतिहास के संबंध की जानकारी भी बच्चों को दी। नेशनल पार्क भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों ने पर्यावरण का महत्व जाना और अपने अनुभव को पिकनिक के आखिर में आयोजित परीक्षा के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को बताए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वन समिति के जिलाध्यक्ष कालूराम कुशवाह थे। जिन्होंने प्रतियोगिता में अव्वल आए प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानि किया गया।
पोहरी के तीन स्कूलों के 120 विद्यार्थियों द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के तहत पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, बर्ड वॉचिंग, वन प्रबंधन आदि गतिविधियां आयोजित कर स्कूली विद्यार्थियों को वन गतिविधियों से अवगत कराया गया। नगर के उत्कृष्ट विद्यालय दो अन्य विद्यालयों के छात्रों को नेशनल पार्क की सैर के लिए ले जाया गया। जिसमें अनुभवी और प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर द्वारा छात्रों को प्रकृति की सैर, ट्रेकिंग, प्रकृति की पाठशाला एवं कई अन्य गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण की अनुभूति कराई। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य प्रकृति व पर्यावरण के महत्व को छात्र-छात्राएं समझ सकें यह है।
बच्चों को बताया पर्यावरण का महत्व
स्कूली बच्चों को जंगल भ्रमण के दौरान उन्हें यह भी बताया कि हमारे जीवन ने पर्यावरण का महत्वपूर्ण स्थान है। पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़ पौधों की सुरक्षा के साथ पौधरोपण करना बहुत जरूरी है। बच्चों को बताया कि हमारे जीवन के लिए हमें ऑक्सीजन रूपी प्राणवायु की आवश्यकता होती है।
अनुभूति कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को जॉर्ज कैसल कोठी सहित नेशनल पार्क में दिखाया।
प्रश्नोत्तरी का किया आयोजन
नेशलन पार्क में भ्रमण के दौरान बच्चों की क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें उनके पर्यावरण से जुडे प्रश्न पूछे गए इसमें अव्वल आने वाले प्रथम व द्वितीय सहित तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। कालूराम कुशवाह ने बताया कि इस दौरान बच्चों की पर्यावरण से संबंधित प्रश्न पूछकर ज्ञान बढ़ाया गया है। इस दौरान कालूराम कुशवाह वन समिति जिलाध्यक्ष, उत्कृष्ट विद्यालय सहित तीनों विद्यालयों के शिक्षक, कृष्णपाल सिंह धाकड़ रेंजर, रामजी सिंह जदौन डिप्टी रेंजर, शिवकुमार भार्गव, नवलकिशोर, रामकिशन शर्मा, एमके सिंह, राजाराम एसडीओ, रेंजर सतनवाड़ा सहित अन्य लोग मौजूद थे। बच्चों ने बताया कि जीवन देने वाली आक्सीजन हमें पेड़ों से ही प्राप्त होती है। इसलिए प्रकृति में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। साथ ही पेड़ पौधों की अधिकता वाले क्षेत्रों में बरसात भी अच्छी होती है।
लंगूर व चीतल देख छात्र हुए रोमांचित
वन विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को जंगल भ्रमण के दौरान जंगली जानवर दिखाए और वनस्पतियों के बारे में जानकारी दी गई। वनविभाग के अमले के साथ पिकनिक पर गए बच्चों ने लंगूर, नीलगाय, चीतल और मगरमच्छ जैसे जंगली जानवरों को नजदीक से देखा तो वे खुशी के मारे झूम उठे। बच्चों का कहना था कि हमने केवल इनका नाम सुना था आज इतने नजदीक से देखना सपने जैसा लग रहा है। जैसे हाथों में लेकर खिलाएं।
उन्हें जॉर्ज कैसल कोठी को दिखाया और उससे जुड़े इतिहास के संबंध की जानकारी भी बच्चों को दी। नेशनल पार्क भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों ने पर्यावरण का महत्व जाना और अपने अनुभव को पिकनिक के आखिर में आयोजित परीक्षा के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को बताए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वन समिति के जिलाध्यक्ष कालूराम कुशवाह थे। जिन्होंने प्रतियोगिता में अव्वल आए प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानि किया गया।
पोहरी के तीन स्कूलों के 120 विद्यार्थियों द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के तहत पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, बर्ड वॉचिंग, वन प्रबंधन आदि गतिविधियां आयोजित कर स्कूली विद्यार्थियों को वन गतिविधियों से अवगत कराया गया। नगर के उत्कृष्ट विद्यालय दो अन्य विद्यालयों के छात्रों को नेशनल पार्क की सैर के लिए ले जाया गया। जिसमें अनुभवी और प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर द्वारा छात्रों को प्रकृति की सैर, ट्रेकिंग, प्रकृति की पाठशाला एवं कई अन्य गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण की अनुभूति कराई। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसका उद्देश्य प्रकृति व पर्यावरण के महत्व को छात्र-छात्राएं समझ सकें यह है।
बच्चों को बताया पर्यावरण का महत्व
स्कूली बच्चों को जंगल भ्रमण के दौरान उन्हें यह भी बताया कि हमारे जीवन ने पर्यावरण का महत्वपूर्ण स्थान है। पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़ पौधों की सुरक्षा के साथ पौधरोपण करना बहुत जरूरी है। बच्चों को बताया कि हमारे जीवन के लिए हमें ऑक्सीजन रूपी प्राणवायु की आवश्यकता होती है।
अनुभूति कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को जॉर्ज कैसल कोठी सहित नेशनल पार्क में दिखाया।
प्रश्नोत्तरी का किया आयोजन
नेशलन पार्क में भ्रमण के दौरान बच्चों की क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें उनके पर्यावरण से जुडे प्रश्न पूछे गए इसमें अव्वल आने वाले प्रथम व द्वितीय सहित तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया। कालूराम कुशवाह ने बताया कि इस दौरान बच्चों की पर्यावरण से संबंधित प्रश्न पूछकर ज्ञान बढ़ाया गया है। इस दौरान कालूराम कुशवाह वन समिति जिलाध्यक्ष, उत्कृष्ट विद्यालय सहित तीनों विद्यालयों के शिक्षक, कृष्णपाल सिंह धाकड़ रेंजर, रामजी सिंह जदौन डिप्टी रेंजर, शिवकुमार भार्गव, नवलकिशोर, रामकिशन शर्मा, एमके सिंह, राजाराम एसडीओ, रेंजर सतनवाड़ा सहित अन्य लोग मौजूद थे। बच्चों ने बताया कि जीवन देने वाली आक्सीजन हमें पेड़ों से ही प्राप्त होती है। इसलिए प्रकृति में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। साथ ही पेड़ पौधों की अधिकता वाले क्षेत्रों में बरसात भी अच्छी होती है।
लंगूर व चीतल देख छात्र हुए रोमांचित
वन विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को जंगल भ्रमण के दौरान जंगली जानवर दिखाए और वनस्पतियों के बारे में जानकारी दी गई। वनविभाग के अमले के साथ पिकनिक पर गए बच्चों ने लंगूर, नीलगाय, चीतल और मगरमच्छ जैसे जंगली जानवरों को नजदीक से देखा तो वे खुशी के मारे झूम उठे। बच्चों का कहना था कि हमने केवल इनका नाम सुना था आज इतने नजदीक से देखना सपने जैसा लग रहा है। जैसे हाथों में लेकर खिलाएं।