जनता के फीडबैक में निमाड़ में बुरहानपुर जिला सबसे आगे

, इंदौर से सिर्फ 2 पायदान नीचे



बुरहानपुर / शहर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण सहित स्वच्छता से जुड़ी अन्य व्यवस्थाओं पर मिले जनता के फीडबैक से बुरहानपुर निमाड़ में सबसे अगले पायदान पर पहुंच गया है। यह देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से यह सिर्फ दो पायदान नीचे है। फीडबैक में 50 प्रतिशत से ज्यादा जनता के सकारात्मक जवाब मिले हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बुरहानपुर में घर-घर जाकर 4235 लोगों का फीडबैक अब तक लिया गया है। स्वच्छता के पोर्टल से 1074 नागरिकों ने सकारात्मक जवाब भेजे हैं। 1969 पर सिर्फ 2 नागरिक ही अपना जवाब दे पाए हैं। बाउट बांड में 50 और स्वच्छता एप से 215 के जवाब मिले हैं। कुल 5576 नागरिकों के जवाब मिलने से बुरहानपुर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। चौथे स्थान पर खरगोन, पांचवें पर बड़वानी और छठे स्थान पर खंडवा जिला है।


सफाई में हर माह 2.50 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च


बुरहानपुर में रोजाना सुबह, दोपहर और रात को शहरभर की सड़कों पर झाड़ू लग रही है और कचरा उठाया जा रहा है। इसमें निगम के नियमित, दैनिक वेतनभोगी और ठेके के 525 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हुए हैं। 20 से ज्यादा वाहन शिफ्ट में घर-घर पहुंचकर सड़क पर गिरने से पहले कचरा जुटा रहे हैं। ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा पहुंचाने में ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर लगाए गए हैं। सफाई में जेसीबी का भी उपयोग किया जा रहा है। इन सभी पर हर महीने करीब 2.50 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो रहा है। ये सारी व्यवस्थाएं पहले भी रही हैं लेकिन पिछली बार रैंकिंग गिरने से निगम सख्त हुआ है। गंदगी फैलाने पर अब तक करीब 100 से अधिक लोगों पर जुर्माना लगाया गया है।


आधे घरों से मिल रहा अलग कचरा
महाजनापेठ, रास्तीपुरा, डाकवाड़ी, खानका, आजाद वार्ड, चंद्रकला, दाऊदपुरा, बुधवारा और इतवारा क्षेत्र के आधे घरों से कचरा अलग-अलग नहीं मिल पा रहा है। लालबाग, सिंधीबस्ती, इंदिरा कॉलोनी और आदर्श कॉलोनी क्षेत्र में अधिकांश घरों से गीला-सूख कचरा अलग-अलग मिल रहा है।


फीडबैक में ये आया सामने : पहले गिरी थी हमारी रैंक, ये हुआ सुधार


बेलिंग मशीन से कागज और गत्ते सहित अन्य ऐसी वस्तुएं जिन्हें दबाकर गठान बना सकते हैं, उनको बेलिंग मशीन से प्रेस किया जा रहा है। ये वस्तुएं रिसाइक्लिंग के लिए विभिन्न कंपनियों को भेजी जाएगी।


गीला और सूखा कचरा अलग करने की प्रोसेस शुरू हुई। फटका मशीन से प्लास्टिक की धूल-मिट्‌टी अलग कर रहे हैं। गीली वस्तुएं कंपोस्ट खाद बनाने के लिए जुटाई जा रही है। प्लास्टिक, कागज, लोहा रिसाइक्लिंग के लिए जमा कर रहे हैं। फिलहाल दोनों मशीनों को एनजीओ के प्रशिक्षु कर्मचारी संचालित कर रहे हैं।


इसी तरह सूखा कचरा एकत्र कर सीमेंट फैक्ट्री में भेजने की योजना है। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग का देश की ख्यात अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी से अनुबंध चल रहा है। इससे नगर निगम को अतिरिक्त आय भी होगी।


जागरुकता : लोग अब रखने लगे डस्टबिन, हो रहा उपयोग
नगर निगम द्वारा करीब तीन साल से गंदगी फैलाने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। इसका असर भी शहर में देखने को मिल रहा है। अब लोग डस्टबिन रखने के साथ इसका उपयोग भी करने लगे हैं। डस्टबिन नहीं होने पर वाहन में कचरा डाल रहे हैं। शहर में अधिकांश जगह सफाई नजर आने से आमजन ने भी राहत महसूस की है। 


जितनी कमियां है, हम उन्हें दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछली बार की खामियों को भी दूर कर रहे हैं। वैसे पहले से हम अच्छी स्थिति में हैं।
भगवानदास भुमरकर, आयुक्त, नगर निगम, बुरहानपुर