हर बोरी पर तौल में 1 किलो ज्यादा की वसूली

10 लाख क्विंटल धान समितियों में फंसा,



बिलासपुर / छत्तीसगढ़ में सरकार एक ओर किसानों को राहत देेने के लिए धान खरीदी को लेकर सख्त रूख अपनाए हुए हैं। प्रदेश के किसानों को सही मूल्य मिल सके, इसके लिए बाहर से आने वाले धान की धरपकड़ की जा रही है। इन सबके बीच समितियाें में ही किसानों को लूटने काम हो रहा है। यहां पर हर बोरी में किसानों से एक किलो अतिरिक्त धान की वसूली हो रही है। अधिकारी तौल में अधिक धान लिए जाने की घटना से इंकार कर रहे हैं। वहीं 10 लाख क्विंटल धान समितियों में फंसा हुआ है। इतना अधिक धान हो गया है कि रखने की जगह कम पड़ गई है। 


खरीदी केंद्र की क्षमता 5400 बोरी, धान रखा है 8 हजार बोरी धान




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    दरअसल, राज्य सरकार के सेंटरों में लिमिट हटाने के बाद किसानों को भले ही धान समिति तक लाने में दिक्कत नहीं है, लेकिन उठाव व अधिक धान लिए जाने से समितियों में गड़बड़ी अभी भी हो रही है। जिले में 130 समितियां धान की खरीदी कर रही हैं। अभी तक 24.72 लाख क्विंटल की खरीद हो चुकी है, जबकि उठाव सिर्फ 14.58 क्विंटल धान का ही हुआ है। इसके चलते खरीदी केंद्र में क्षमता से अधिक धान रखा हुआ है। जिन केंद्रों की क्षमता 5400 बोरी की है, वहां भी 8 हजार बोरी धान जमा है। इसके साथ ही खरीदी में भी  ज्यादातर केंद्रों में गड़बड़ी सामने आ रही हैं। 


     




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    दैनिक भास्कर ने बिल्हा के उरतुम व सेलर धान खरीदी केंद्र में इसकी पड़ताल की। उरतुम में किसान जिया लाल सूर्यवंशी ने बताया कि एक बोरी में 40 किलो धान लेने का मापदंड है। इसमें बोरे का वजन 500 ग्राम मानकर 40 किलो 500 ग्राम धान लेना चाहिए, लेकिन 41 किलो 500 ग्राम धान लिया जा रहा है। इसी तरह की शिकायत सेलर धान खरीदी केंद्र में सामने आई। यहां किसान विकास साहू व तीजराम रजक ने बताया कि खाली बोरा के नाम पर 550 ग्राम काटा जाता है। मार्कफेड की डीएमओ शोभना तिवारी का कहना है कि उठाव के लिए दोनों सेंटरों से फोन आया था व्यवस्था की जा रही है। 


     




  3. जिम्मेदार कह रहे सब कुछ ठीक है 


     


    शिकायत मिलेगी तो करेंगे कार्रवाई : खाद्य नियंत्रक एच मसीह के अनुसार पिछले एक हफ्ते से वे लगातार धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्हें अधिक धान तौल में लेने की शिकायत कहीं से नहीं मिली है। मानिटरिंग की जिम्मेदारी खाद्य विभाग की है यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो वे उसे संज्ञान में लेंगे।


    हो सकती है बड़ी गड़बड़ी : सिर्फ सेलर धान खरीदी केंद्र में ही रोजाना सैकडों क्विंटल धान की खरीदी होती है। इस तरह यदि प्रति क्विंटल 1 किलो अधिक धान किसानों से लिया जा रहा है तो एक दिन में ही सैकड़ों क्विंटल धान का वारा न्यारा हो रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सेलर, उरतुम के अलावा अन्य धान खरीदी केंद्रों में क्या स्थिति होगी। 


     




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    41 किलो 500 ग्राम धान तौल में लेना गलत: कोआपरेटिव बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर ने अधिक धान तौल पर कहा कि बोरे का वजन पांच सौ या पांच सौ पचास ग्राम के अनुसार धान लेना ठीक है। कहीं-कहीं 100-100 ग्राम भी अधिक ले रहे हैं लेकिन 41 किलो या इससे अधिक धान लेना पूरी तरह गलत है। हम दोनों केंद्र चेक कराएंगे। तौल हुए बोरे में भी यदि बात प्रमाणित होती है तो कार्रवाई होगी। 


    आप सेंटर बताइये जांच कराएंगे : मुख्य सचिव आरपी मंडल ने इस मामले में कहा कि धान खरीदी पूरी गंभीरता से करने का निर्देश है। यदि कहीं अधिक धान तौल में लिया जा रहा है तो सेंटर का नाम बताइए हम जांच कराएंगे।