, पानी-मिट्टी की होगी नए सिरे से जांच
देवभोग / दिल्ली से पहुंचे दो विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मंगलवार को किडनी रोग प्रभावित सुपेबेड़ा में मरीजों के साथ-साथ पूरी व्यवस्था की नब्ज टटोली। उन्होंने कहा कि नए सिरे से मरीजों के खून अौर गांव के मिट्टी अौर पानी की जांच होगी। ग्रामीणों से भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, ऐसा सिर्फ यहीं नहीं हो रहा है, देश के कई गांव में ऐसी स्थिति है पर उन सबसे अलग क्या हो रहा है, यह जानना जरूरी है। विशेषज्ञों ने कहा कि बुधवार को जिलास्तर के अधिकारियों के साथ राजधानी में मैराथन बैठक करेंगे।
मंगलवार दोपहर 2 बजे स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक राजधानी रायपुर से हेलीकॉप्टर से दो ख्याति नाम विशेषज्ञ को लेकर सुपेबेड़ा पहुंचीं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आग्रह पर इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजिस्ट के प्रेसिडेंट डॉ. विवेकानंद झा एवं इंडियन सोसाइटी के विजय खेर सुपेबेड़ा पहुंचे अौर ढाई घंटे वहां बिताए। वे पहले मामले की जांच कर रहे डॉक्टरों से चर्चा किए। अब तक मिट्टी, पानी व ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट भी देखी।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दो बार खुद सुपेबेड़ा का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने डाक्टरों की टीम के साथ गांव की स्थिति देखने के साथ पानी के स्रोत की जानकारी ली। उनके निर्देश के बाद ही सुपेबेड़ा में स्थिति काबू में लाने के लिए अलग-अलग तरीकों पर अमल शुरू किया गया है।
8 मरीजों को भर्ती करने की सलाह
7 से 8 गंभीर मरीजों को भर्ती करने की सलाह दी। किडनी बीमारी से ग्रसित 18 चिह्नांकित लोगों से रूबरू होकर उनकी परेशानी जानने की कोशिश की। पूरा आंकलन करने के बाद विशेषज्ञ की टीम ने मामले में संलग्न पीएचई, कृषि, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को राजधानी बुलाया है। बुधवार को सुपेबेड़ा के मसले पर राजधानी में गहन चर्चा करने की बात डॉक्टरों ने कही है।
सरकार ने इलाज की पहल शुरू की
डॉ. विवेकानंद झा ने कहा कि सभी स्तर पर चर्चा के बाद पता चला है कि यहां सरकार ने इलाज की पहल शुरू कर दी है। आवश्यकता की सभी चीजें को प्राथमिकता में रख उपलब्ध कराने की योजना भी बन चुकी है। ऐसी बीमारी के लिए सबसे जरूरी होता है सही दवा पीड़ितों तक पहुंचे। वह सब कुछ यहां हो रहा है। कारणों को भी जल्द पता लगा लिया जाएगा।