डीजीपी ने कहा- गोपनीय पत्र को लीक कर एसएसपी नोएडा ने सर्विस रूल्स का उल्लंघन किया



लखनऊ / नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के नए साल पर एक लड़की के साथ चैट करते वायरल हुए कथित वीडियो के मामले ने तूल पकड़ लिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मामले की जांच मेरठ जोन के आईजी को सौंपी गई है। उन्होंने इसके लिए 15 दिन का और समय मांगा है। डीजीपी ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी।


डीजीपी ने कहा कि एक कथित वीडियो क्लिप नोएडा एसएसपी का सामने आया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है और एसपी हापुड़ के निर्देशन में जांच की जा रही है। जांच में साइबर क्राइम एक्सपर्ट और एसटीएफ की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि वैभव कृष्ण ने गोपनीय पत्र में 6 लोगों का जिक्र किया है। वैभव कृष्ण ने सर्विस रूल्स के खिलाफ काम किया है। पत्र को लीक नहीं करना चाहिए था। 


डीजीपी ने कहा कि कुछ लोग पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग कर रहे थे। इस मामले में 4 लोग अभी भी गैंगेस्टर एक्ट में जेल में बंद हैं। एसएसपी नोएडा ने केस कराया था और एसपी ने जांच रिपार्ट भेजी थी।


मुख्यमंत्री ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लेकर आईजी रेंज मेरठ आलोक सिंह से जांच रिपोर्ट मांगी है। मामले के जांच की जिम्मेदारी मेरठ रेंज के एडीजी आलोक सिंह की निगरानी में एसपी हापुड़ संजीव सुमन को सौंपी गई। 


एसएसपी ने डीजीपी को लिखा था गोपनीय पत्र


इधर, नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने डीजीपी को पत्र लिखकर 5 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं। डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैभव कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकार उदित गोयल, सुशील पंडित और चंदन राय को जेल भेजा था, इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी। 


वाॅट्सअप चैटिंग में सामने आई थी ट्रांसफर-पोस्टिंग की बात


वैभव कृष्ण के मुताबिक, जेल में बंद पत्रकार चंदन की आइपीएस अजयपाल शर्मा, आइपीएस सुधीर सिंह, आइपीएस हिमांशु कुमार, आइपीएस राजीवनारायण मिश्रा और आइपीएस गणेश साहा के साथ ट्रांसफर-पोस्टिग को लेकर की गई बातचीत और वाॅट्सएप चैटिंग जांच में सामने आई थी। उसी समय से मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। अब निजी स्तर पर बदनाम करने के लिए फेक वीडियो वायरल कराए जा रहे हैं।