दस हजार के ऊंट को हजार रुपए में भी नहीं मिल रहे खरीदार



पुष्कर / पशुपालन विभाग के निदेशक समेत पांच सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने बुधवार को पुष्कर पहुंच पुष्कर मेले में दूरदराज से आए ऊंट पालकों की समस्या सुनी तथा सरकार के स्तर पर समस्या के समाधान का पशुपालकों को भरोसा दिलाया। इसके बाद ऊंट पालकों ने पुष्कर मेले में प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया। मांगे नहीं माने जाने पर प्रदेशभर में ऊंट मालिकों की ओर से तहसील स्तर पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। पशु पालको ने अधिकारियों को बताया कि मेले में ऊंट 10 हजार रुपए की कीमत के ऊंट को एक हजार रुपये में भी खरीदने के लिये कोई तैयार नहीं है।


मेले में पशुपालक ऊंटनियां बेचने पर मजबूर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि रायका-रेबारी समाज की मुख्य आजीविका पुष्कर मेले में ऊंटों की बिक्री पर ही निर्भर है। पशुपालकों ने अधिकारियों को बताया कि जब से राज्य सरकार ने ऊंटों को राज्य पशु घोषित किया है तब से ऊंटों व ऊंट पालकों की हालत खस्ता हो गई है तथा प्रदेश में दिनों दिन ऊंटों की तादात घटती जा रही है।


सरकार को सौंपा 11 सूत्री ज्ञापन
 


लोक हित पशु संस्था के निदेशक हनुमंत सिंह राठौड़ एवं रेबारी समाज के धर्मगुरू रामरघुनाथ दास महाराज ने मेले में आए पशुपालकों की समस्या के समाधान की मांग को लेकर राज्य सरकार को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। बुधवार को पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. शैलेश शर्मा, अति. निदेशक एनएम सिंह, भवानी सिंह, वित्तीय सलाहकार मनीष शुक्ला समेत पांच सदस्यीय टीम पुष्कर पहुंची।