![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhgDaBKH74siz92h5Ul2shwWnDv2VN2PEsEXcJ-Y1IdMt_FQPgiKeSOHiQmUq9mhwaUVSZ4aWGXQzOJSUR-d5zHQBpsvMNKOJVKzr5fb_JDmj4W7WuBt0h6WPhGNMcg4vi7JucEChRB5w/)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfHjUASmWGnSgKx_dzzdrJ7piQI0uYLBcYubAytWplIeVPyPjlVc0rUQ991N1TP4bKF5nvqwPe1Zm_xRsF6OAqzYuM0LLvwrD8bO8I4nuqc6cTF-J5QmsWK1zi6hNX-D0Fish0avMXCw/)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh8fNX_40HwWaDHPAALWlJMrVOi5U7m4FZQo5Iv40HJSWnWW6HUv9pcgTx_Pg3dF0cf2MvjAHVUpla7JNcBRyHmsY1KdEPaWbDvFblzXTBauk2nRm8M624Y3kN2h-_g_UWX56M78XzAyg/)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgU1nHdQBClT9Gf0pjYWwXQsEqF-h2ovFlV5DdnHb55JMpYTdg8N37RA1eaqBhEgy_89W5VX4fL3NvyuEqBt7kudQzdaiMZHdQUN8DTsBP01MoNMZF1-lo8FsYxjdQCA92dXH6xUuyZFw/)
? ये हम सबकी जिम्मेदारी
लखनऊ / लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन इंडिया (सीपीए) रीजन के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन 19 जनवरी तक चलेगा, जिसमें संसदीय प्रणाली और विधायी कार्यों को लेकर मंथन किया जाएगा। सम्मेलन में खासतौर से इस बात पर जोर दिया जाएगा कि विधानसभा या लोकसभा का सत्र हंगामे की वजह से बाधित होने की स्थिति में कामकाज को और कैसे बढ़ाया जाए
ओम बिड़ला बोले- लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि की बड़ी भूमिका
उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा- आजाद भारत के बाद हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ना, ये बताता है कि, लोगों का लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। लोकतंत्र व्यवस्था में जनप्रतिनिधि का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सदन के सभी सदस्यों को भी ये अधिकार मिलना चाहिए कि, सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले, जिससे जनता को वो जवाब दे सकें।
ओम बिड़ला ने कहा- संसदीय परंपराओं को कैसे ऊंचा उठा सकें, ये हम सबकी जिम्मेदारी है। ये सदन गरीब व वंचित लोगों के लिए सार्थक परिणाम देने के लिए है। जनता के विश्वास को जीतने की हमारी बड़ी भूमिका होती है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि, सदन में जनता की बात को रखा जाए, पर विपक्ष को एक दायरे में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए।
ऐसी व्यवस्था हो, जिससे संसदीय गतिरोक रुके
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा- हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि, आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद हैं। पिछले साल पटना में सीपीए सम्मेलन हुआ था। पिछले दिनों महात्मा गांधी की जयंती पर 36 घंटे यूपी विधानसभा का सत्र चला। उसके बाद यहां सीपीए सम्मेलन की कल्पना बनी थी। यह ऐतिहासिक सदन है, जो देश की सबसे बड़ी जनसंख्या का नेतृत्व करता है। यहां हम दो दिनों तक विचार विमर्श करेंगे।
एमपी के राज्यपाल बोले- लक्ष्मण रेखा पार नहीं होनी चाहिए
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा- मेरा सौभाग्य रहा कि, यहां के दोनों सदनों का सदस्य रहा हूं। स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है। कहा- सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है। लेकिन दोनों पक्षों को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। आलोचना होनी चाहिए पर आचरण का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
योगी बोले- हमें अपनी भूमिका निभानी होगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे हैं। इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा।
सीएम ने कहा- सरकार तभी काम कर सकती है, जब सदन बाधित न हो। इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं। सरकार अपनी नीतियों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ देना चाहती है।
अभी कुछ दिनों पहले सदन 36 घंटे चला, जिसका हमें अन्य योजनाओं को पूरा करने का लाभ मिला। सीपीए के सभी सदस्यों को आगे आना होगा।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार विपक्ष को संतुष्ट करे तो नहीं होगा गतिरोध
नेता प्रतिपक्ष राम गोबिंद चौधरी ने कहा- सीपीए सम्मेलन से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। यूपी विधानसभा का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया में अलग साख है। सभी को स्वतंत्रता का अधिकार है, ऐसी कोई विधि नहीं है जो अधिकारों को छीनती हो। संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो, इसका संदेश यूपी से पूरे देश में जाना चाहिए। कहा- सदन में उठाए जाने वाले मामले जनता के होते हैं न किसी दल के होते हैं। सदन में व्यवधान पैदा होता है, ये ठीक नहीं है। अगर सरकार अपने जवाब से विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो सदन निर्बाध गति से चलता रहेगा।
सदस्यों को पत्र लिखकर आमंत्रित किया गया
इस सम्मेलन को लेकर दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्यों को पत्र लिखकर 16 जनवरी को उद्घाटन समारोह में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है। इसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ-साथ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी भाग लेंगे। इनके अलावा देश की सभी विधान सभाओं के अध्यक्ष व विधान परिषदों के सभापति भी भाग लेंगे।
आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे
सीपीए में कुल 9 रीजन है। इनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, कनाडा, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, तंजानिया और यूनाइटेड किंगडम हैं। कॉन्फ्रेंस में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, सभापति, प्रमुख सचिवों के साथ आठ देशों के 141 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
पिछले साल पटना में हुआ था यह सम्मेलन
कॉन्फ्रेंस की एग्जिक्यूटिव कमिटी के पदेन चेयरमैन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला है। उनकी कार्यकारिणी में उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश विधानसभाओं के सदस्य हैं। यह सम्मेलन दो साल में एक बार होता है। छठीं कॉन्फ्रेंस 2018 में पटना में और पांचवीं कॉन्फ्रेंस गोवा में हुई थी।
लोकसभा-राज्यसभा की टीम शामिल होगी
इस सम्मेलन में देश के राज्यों के विधानसभाओं के अध्यक्ष व विधान परिषदों के सभापति व सचिव भी शामिल होगें। लोकसभा व राज्यसभा के 25-25 सदस्यों की टीम भी होगी। यह आयोजना देश की लोकसभा द्वारा आयोजित होना है। उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे इसके सचिव बनाए गए है।
18 जनवरी को है अयोध्या भ्रमण का कार्यक्रम
प्रतिनिधियों के बीच 16 से 19 जनवरी को संसदीय प्रणाली के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कार्यक्रम के बीच में ही 18 जनवरी को अयोध्या भ्रमण का भी कार्यक्रम तय किया गया है। मेजबान के रूप विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित दल में शामिल होंगे। जिनके नेतृत्व में प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि इस दल के सदस्यों को ‘श्रीराम जन्मभूमि स्थल’ के साथ अयोध्या स्थित अन्य पौराणिक स्थलों का भ्रमण कराने के साथ उनके बारे में जानकारी भी देंगे।