रेत खदान के रास्तों पर जेसीबी से खोदे 15 फीट गहरे गड्‌ढे, खेत जाने के रास्ते भी बंद





रेत का अवैध खनन व परिवहन रोकने के लिए हिंदू-मुस्लिम ट्रैक्टर-ट्रॉली यूनियन के सदस्य खदानों पर डटे हैं।





प्रशासन भी ऐसी सख्ती नहीं दिखा पाया, जितनी ठेका होने के बाद ठेकेदारों ने शुरू की


जिले की 9 रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी 11.67 करोड़ रुपए में हुई थी 


 

बुरहानपुर /  रेत के अवैध खनन व परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग, राजस्व विभाग व प्रशासन तो कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया लेकिन रेत खदानों का ठेका होने के बाद ठेकेदार जरूर इसको रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। रेत का अवैध परिवहन रोकने के लिए नागझिरी श्मशान घाट से आगे ताप्ती नदी की रेत खदान से जुड़े रास्तों पर ठेकेदार के कर्मचारियों ने जेसीबी से 15 फीट गहरे गड्‌ढे खोद दिए हैं। इससे पैदल खेत तक जाने के रास्ते भी बंद हो गए हैं।



इस पर किसानों ने नाराजगी जताई लेकिन कर्मचारियों की दादागीरी देख लौट गए। उधर, अवैध रेत खनन पर लंबे समय से रोक लगाने की मांग कर रहे लोगों ने ठेकेदार के इस कदम से राहत की सांस ली है। नागझिरी श्मशान घाट से रेत खदान तक आने-जाने का रास्ता खुला है। ठेकेदार के कर्मचारियों ने उतावली नदी के बीच बारादरी के पास रास्ता खोद दिया। गुरुवार सुबह 11 बजे गणेश चौहान, मनीष गौड़, सुभाष और अनिल सहित अन्य किसान खेत जाने के लिए रास्ते पर पहुंचे। यहां रास्ता खुदा देखकर हैरत में पड़ गए। उन्होंने ठेकेदार के कर्मचारियों से मिन्नतें की और बोले- खेत जाने का एक ही रास्ता है। इसे मत खोदो। दूसरी ओर से जाने में एक घंटा लगता है। दूरी भी करीब 3 से 4 किमी पड़ती है। अवैध रेत परिवहन रोकने के चक्कर में सभी किसान परेशान होंगे लेकिन कर्मचारियों ने दादागीरी कर उन्हें भगा दिया।



कर्मचारी बोले- दूसरे रास्ते भी खोदेंगे, रोकेंगे माफियाओं को
ठेकेदार के कर्मचारियों ने बताया तोता-मैना की दरगाह, हजरत शाह दरगाह व मंगला माता मंदिर की ओर जाने वाला रास्ता भी खोदेंगे, क्योंकि यहां से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध परिवहन होता है। रेत का अवैध खनन व परिवहन रोकने के लिए हिंदू-मुस्लिम ट्रैक्टर-ट्रॉली यूनियन के सदस्य खदानों पर डटे हैं। स्थानीय थानों की पुलिस भी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां पकड़कर ठेकेदार को सहयोग कर रही है। ठेका होने के बाद से घाटों पर पुलिस भी सक्रिय दिख रही है। अवैध रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ने पर दो पुलिस जवानों को इनाम भी दिया गया है। ठेकेदार के कर्मचारी कुलदीप के कहने पर जवान सक्रिय हुए हैं। हालांकि तीन दिन पहले खबर मिली थी कि घाटों पर तैनात कुछ लोग इंट्री के नाम पर एक हजार रुपए लेने लगे हैं।



9 रेत खदानें 11.67 करोड़ में नीलाम
8 दिसंबर को जिले की 9 रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी हुई है। 9 रेत खदानों की समूह में सरकारी बोली 3.75 करोड़ रुपए थी। बामदेव ग्लोबल संस्था ने 11.67 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इस पर इसे ठेका मिला लेकिन अभी तक खनन की अनुमति नहीं मिली है। अनुमति से पहले उन्हें शासन से अनुबंध करना होगा। पर्यावरण मंत्रालय के साथ अन्य विभागों से भी अनुमति लेना होगी। इसके बाद ही वह खदानों से राॅयल्टी वसूल सकेंगे।



शहर से लगे ताप्ती नदी के घाटों से रेत खनन प्रतिबंधित
शहर से लगे ताप्ती नदी के नागझिरी घाट, राजघाट और सतियारा घाट पर्यटन क्षेत्र घोषित किए गए हैं। यानी यहां से किसी भी तरह का खनन प्रतिबंधित है लेकिन इसके बाद भी घाटों से रेत का अवैध खनन जारी है। नदी से नाव द्वारा और नदी के तट के पास खुदाई कर रेत निकाली जा रही है लेकिन इस अवैध खनन की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। ऐसे में उसके द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई करने की बात तो दूर की है।



इन खदानों की हुई नीलामी
सूची में नागझिरी, राजघाट व हतनुर खदानों के नाम नहीं है। जिले की पुरानी खदानों में दर्यापुर में 8.11 हेक्टेयर, गह्वाना में 6 हेक्टेयर, सुखपुरी में 5.50 हेक्टेयर, रेहटा में 5 हेक्टेयर, नाचनखेड़ा में 7 हेक्टेयर और फतेहपुर में 13.6 हेक्टेयर की खदान है। नई खदान रामखेड़ा में 4 हेक्टेयर, सिरसौदा में 4 हेक्टेयर और फतेहपुर में 4 हेक्टेयर के नाम सूची में हैं। इसमें सुखपुरी की खदान मोहना नदी पर है, बाकी सभी ताप्ती नदी पर हैं।