पुरातत्व टीम ने सिंगरौली में खोजे बौद्धकालीन अवशेष, जंगल के बीच बफर जोन में मिले क्षतिग्रस्त स्तूप





पुरातत्व टीम को सिंगरौली में टीले पर मिले है बौद्ध स्तूपों के अवशेष।





1600 से 1700 साल पुराने बताए जा रहे हैं स्तूप के अवशेष


पुरातत्व विभाग रीवा ने वन मुख्यालय भोपाल से मांगी इन्हें संरक्षित करने की अनुमति


 

रीवा / रीवा की पुरातत्व टीम ने सिंगरौली जिले के जंगल में बौद्धकालीन अवशेषों की खोज की है। ये अवशेष जंगल के अंदर बफर जोन में टीलों के रूप में मिले हैं। जिनको संरक्षित करने पुरातत्व विभाग रीवा ने वन मुख्यालय भोपाल को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है।



बताया गया है कि सिंगरौली जिले के बैढ़न तहसील मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर तेंदुआ गांव के समीप जंगल में टीले मिले हैं। जो जंगल के अंदर बफर जोन में हैं। इन बौद्ध स्तूपों की संख्या पांच से छह के बीच है, जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हालत में है। इनकी स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि वन्य प्राणियों या जानकारी के अभाव में ग्रामीणों ने ही बौद्धकालीन अवशेषों को क्षति पहुंचाई है।

विंध्य में पहले भी मिले हैं अवशेष
गौरतलब है कि मौजूदा स्थिति में रीवा में देउर कोठार और सतना जिले के भरहुत में क्रमश: तीसरी और दूसरी शताब्दी के बौद्ध स्तूप हैं। सिंगरौली जिले में जो बौद्ध स्तूप के अवशेष मिले हैं वह तीसरी और चौथी शताब्दी का है। मसलन यह स्तूप 1600 से 1700 वर्ष पुराना है। पुरातत्व विभाग का मानना है कि जिस समय बौद्ध भिक्षुओं ने रीवा के देउर कोठार में बौद्ध स्तूपों का निर्माण किया, उसी काल में सिंगरौली में भी इनका निर्माण किया गया।

सरपंच ने दी थी जानकारी
बताया गया है कि स्थानीय सरपंच ने पुरातत्व विभाग को प्राचीन स्मारक मिलने की जानकारी दी थी, जिस पर रीवा से पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि यह प्राचीन स्मारक बौद्धकालीन स्तूप हैं। विभाग अब इन बौद्धकालीन अवशेषों को संरक्षित करने की कवायद कर रहा है।

बौद्ध भिक्षुओं के आवागमन का था मार्ग
जंगल के अंदर बौद्ध स्तूप मिलने से माना जा रहा है कि प्राचीन समय में यह स्थान बौद्ध भिक्षुओं के आवागमन का मार्ग था। गया से श्रीलंका या तिब्बत आने-जाने के लिये बौद्ध भिक्षुओं ने इस मार्ग का उपयोग किया था। बताया गया है कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए बौद्ध भिक्षुओं को देश के कोने-कोने में भेजा था। जिससे यह संभावना बन रही है कि धर्म का प्रचार करने के लिये बौद्ध भिक्षु इस स्थान पर आये थे और यहां उन्होंने बौद्ध स्तूप का निर्माण कराया। यह भी कहा जा रहा है कि बौद्ध स्तूप अमूमन यात्रा के लिए उसी मार्ग का उपयोग करते थे जहां बौद्ध स्तूप बने होते थे।



वन मुख्यालय को लिखा पत्र
सिंगरौली जिले के जिस जंगल में बौद्ध स्तूप मिले हैं वह जंगल बफर जोन का है। जिसके लिए राज्य पुरातत्व संग्रहालय ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल को पत्र लिखकर बौद्धकालीन अवशेषों को संरक्षित करने की अनुमति मांगी है। दरअसल बफर जोन होने की वजह से जंगल के अंदर काम करने की अनुमति वन मुख्यालय से ही मिलती है।




सिंगरौली के जंगल के बफर जोन में बौद्धकालीन अवशेष मिले हैं, उनका संरक्षण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग से संरक्षण कार्य हेतु अनुमति मांगी गई है।
पीसी महोबिया, प्रभारी संग्रहाध्यक्ष पुरातत्व रीवा



Popular posts
शादीशुदा BF संग भागी प्रेमिका, प्रेमी की पत्नी नही मानी तो प्रेमी पर दर्ज कराया RAPE का मामला
Image
उत्कृष्ट विद्यालय मुरार में नन्हे नन्हे हाथों ने उकेरी रंगोलियां
Image
ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
Image
ग्रीन जॉन में चल रही दतिया पलायन कर आये मजदूरों से हुई कोरोना संक्रमित 
Image
संत श्री 1008 बैदेही बल्लभ शरण महाराज का हुआ अभिनंदन