हिंसा के बीच मानवता की मिसाल

; भीड़ के हमले में घायल पुलिसकर्मी को 'देवदूत' ने सुरक्षित बचाया


पुलिसकर्मी अजय कुमार व उन्हें हिंसा के बीच से बाहर निकालने वाले हाजी कादिर।



उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हफ्ते भर पहले हुई थी हिंसा


पुलिसकर्मी ने हाजी कादिर को बताया देवदूत


 

फिरोजाबाद / नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई। इस दौरान 288 पुलिसकर्मी घायल हुए। इससे फिरोजाबाद जिला भी अछूता नहीं रहा। यहां प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोगों ने पथराव किया तो हालात बिगड़ गए। इस दौरान दो लोगों की जान चली गई। पुलिस-प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए। इस दौरान एक पुलिसकर्मी अजय कुमार की किस्मत अच्छी थी। भीड़ पुलिसकर्मी को बुरी तरह पीट रही थी। तभी फरिश्ते के रुप में हाजी कादिर पहुंचे और उन्होंने पुलिसकर्मी को भीड़ से निकालकर सुरक्षित बचाया। 


बीते 20 दिसंबर को फिरोजाबाद में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया गया तो लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग किया। 


घर ले जाकर पानी पिलाया, कपड़े भी दिए


इसी बीच प्रदर्शनकारियों की भीड़ में पुलिसकर्मी अजय कुमार फंस गए। लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हाथ व सिर में गंभीर चोटें थीं। वह ठीक से चल नहीं पा रहे थे, वहीं भीड़ इस कदर हमलावर थी कि, उनकी जान ले लेती। भीड़ ने पुलिसकर्मी की वर्दी भी फाड़ डाली थी। तभी हाजी कादिर, अजय के बचाव में उतरे। उन्होंने भीड़ के बीच से अजय कुमार को बाहर निकालकर अपने घर ले गए। हाजी ने उन्हें पानी पिलाया और कपड़े दिए। 


अगर नहीं पहुंचते हाजी तो मैं जीवित न होता


हाजी कादिर ने ढांढस बंधाया कि, वे सुरक्षित हैं। स्थिति संभलने के बाद बाद में वे पुलिस स्टेशन लेकर गए। अजय कुमार ने कहा- वह (हाजी कादिर) मेरे जीवन में एक देवदूत की तरह आए थे। अगर वे नहीं पहुंचते तो मुझे मार दिया जाता।


मैंने जो किया वह मानवता के लिए था


हाजी कादिर ने कहा- वे उस वक्त नमाज पढ़ रहे थे, तभी लोगों ने बताया कि एक पुलिसकर्मी भीड़ से घिरा हुआ है। वह गंभीर रूप से घायल है। मुझे उस समय पुलिसकर्मी का नाम नहीं पता था। मैं जो किया वह मानवता के लिए था। 



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