, वहां रहेगा डॉक्टर परिवार
जानकारों के मुताबिक इस घर की कीमत आज सवा करोड़ से ज्यादा
नई दिल्ली / पिछले साल बुराड़ी संतनगर इलाके में एक घर के अंदर ग्यारह लोगों ने सामूहिक खुदकुशी कर ली थी। यह घटना देशभर में सुर्खियों में रही और लम्बे समय तक इस घर को किसी ने लेने की हिम्मत नहीं जुटायी। लेकिन अब यह घर रविवार से एक बार फिर आबाद हो जाएगा, जिसे एक डॉक्टर ने किराए पर रहने को लिया है। वह इस घर में केवल रहेंगे ही नहीं बल्कि यहीं से अपना काम धंधा भी करेंगे। यहां से वह पैथालॉजी लैब चलाएंगे। गत वर्ष जुलाई माह में बुराड़ी एरिया में घर के अंदर ग्यारह लोगों ने फांसी लगा जान दे दी थी।
मृतक परिवार के एक जानकार ने लिया घर, पैथालॉजी लैब चलाकर यहीं से करेंगे अपना धंधा
इस घटना के बाद से यह घर तरह तरह की कहानियों से सुर्खियों में बना रहा। इस घर के आसपास रहने वाले लोग घटना के बाद बेहद घबरा गए। लम्बे समय बाद अब इस घर में रहने के लिए एक परिवार आ रहा है। किराए पर यह घर मोहन सिंह कश्यप ने लिया है। वह इस घर के नजदीक ही पैथालॉजी लैब चलाते हैं, जो वहां से शिफ्ट होकर इस घर के भूतल से अपना धंधा चलाएंगे। उसी घर में परिवार के साथ रहेंगे भी। उनके परिवार में दो बेटी और एक बेटा है। रिश्ते में मोहन के भाई सोनू ने बताया कि इस परिवार को वह पहले से जानते हैं। बच्चे ट्यूशन इसी घर में पढ़ने के लिए जाते थे। उनका घर कुछ किलोमीटर दूर भजनपुरा में है, ऐसे में वह लैब के नजदीक ही घर ढूंढ रहे थे। आखिर में उनकी बात इस घर को किराए पर लेकर बन ही गई।
मकान का किराया 25 हजार रुपए
सोनू ने बताया रविवार को इस घर में शिफ्ट होने से पहले दिन में ग्यारह बजे हवन किया जाएगा। इसके बाद पूरा परिवार घर में प्रवेश करेगा। जानकारी मिली है बुराड़ी के रहने वाले वीरेंद्र त्यागी के कहने पर मोहन सिंह ने इस घर को किराए पर लिया है। किराया 25 हजार रुपए रखा है। अंध विश्वास को नहीं मानने वाले मोहन सिंह का कहना है नवम्बर में उन्होंने इस मकान को देखा था। जिसके बाद यहां शिफ्ट होने का मन बना लिया। कुछ लोगों ने उन्हें इस घर को किराए पर लेने से मना भी किया था, लेकिन वह नहीं माने। परिवार ने भी साथ दिया।
बुराड़ी के इसी घर में की थी 11 लोगों ने खुदकुशी
बता दें कि साल 2018 में बुराड़ी के उस घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत से पूरा देश दहल गया था। जांच में खुलासा हुआ था कि पूरे परिवार ने किसी आत्मा, अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में ये खौफनाक कदम उठाया था। इस वारदात के बाद से ही वो घर लोगों के लिए 'मनहूस' हो गया था। कोई उस घर में रहने की दूर, पास से गुजरने की भी नहीं सोचता था।