अफसराें ने किया सेंट्रल लैब का स्टिंग

, जांच में स्वस्थ डिप्टी सीएमएचओ डेंगू राेगी घाेषित





अस्पताल की सेंट्रल लैब ने सामान्य मरीजाें काे डेंगू राेगी बताया।





अलवर में पाॅजिटिव बताए सैंपल जयपुर के एसएमएस मेडिकल काॅलेज की जांच में निगेटिव निकले


 

अलवर / राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की सेंट्रल लैब ने सामान्य मरीजाें काे डेंगू राेगी बनाकर दहशत फैला दी है। लगातार गलत रिपाेर्टाें ने 13 साल के डेंगू मरीजाें का रिकाॅर्ड ताेड़ दिया है। इस साल यहां 975 डेंगू मरीजाें की पुष्टि हुई है। इनमें 656 मरीज एलाइजा जांच अाैर 317 रेपिड कार्ड की जांच में पाॅजिटिव अाए हैं। मरीजाें के अांकड़ाें ने जब चिंता बढ़ाई ताे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें ने ही सेंट्रल लैब का स्टिंग कर दिया। इसमें लैब की झूठी रिपाेर्टाें का खुलासा हुअा है।


अस्पताल की सेंट्रल लैब में 10 स्वास्थ्य अधिकारियाें अाैर कर्मचारियाें के नाम बदलकर जांच कराई ताे डेंगू की गलत रिपाेर्टाें का पता चला है। बदले नाम से भेजे सैंपल में डिप्टी सीएमएचअाे डाॅ. छबील कुमार काे ही डेंगू मरीज घाेषित कर दिया। सीएमएचअाे डाॅ. अाेमप्रकाश मीणा ने मंगलवार काे सेंट्रल लैब की गलत जांच की तथ्यात्मक रिपाेर्ट अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य काे भेजकर गुणवत्तापूर्ण जांच के लिए गाइड लाइन मांगी है। सेंट्रल लैब में ये जांच एलाइजा रीडर से कराई गई हैं, जिसकी रिपाेर्ट पर चिकित्सा विभाग डेंगू पाॅजिटिव की पुष्टि करता है। 



सीएमएचअाे ने रिपाेर्ट में स्पष्ट किया है कि वर्ष 2019 में जिले में सामान्य अस्पताल में डेंगू के 405 पाॅजिटिव केस अाैर जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल काॅलेज ने 284 केस घाेषित किए गए हैं। इसके बाद सीएमएचअाे 10 स्वास्थ्य अधिकारियाें व कर्मचारियाें का नाम बदलकर सेंट्रल लैब में जांच कराई गई। इनकी 12 दिसंबर काे जारी रिपाेर्ट में डेंगू के चिह्नित पाॅजिटिव केसाें ने संदेह की पुष्टि कर दी। उसी दिन डेंगू के घाेषित पाॅजिटिव मरीजाें के सैंपलाें की जयपुर के एसएमएस मेडिकल काॅलेज की एलाइजा जांच निगेटिव अाई, जिससे सेंट्रल लैब की डेंगू की सभी जांच संदेह के घेरे में अा गई हैं।


पूरे प्रदेश में एक ही ब्रांड की डेंगू जांच किटाें की सप्लाई
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालाें में नेशनल इंस्टीट्यूट अाॅफ बायाेलाॅजिकल्स पुणे से एक ही ब्रांड की डेंगू जांच किटाें की सप्लाई की गई है। इसकी एक किट में 96 मरीजाें की जांच हाेती है। सर्दी के माैसम में पूरे प्रदेश में डेंगू के पाॅजिटिव मरीजाें का ग्राफ थम गया, जबकि अलवर में गलत रिपाेर्टाें के कारण मरीजाें की संख्या बढ़ती रही। जब एसएमएस मेडिकल काॅलेज में 2 से 3 मरीज निकल रहे हैं। एेसी स्थिति में अस्पताल की सेंट्रल लैब ने 10 डेंगू मरीज घाेषित कर दिए।
 


सर्दी के माैसम में भी सामान्य अस्पताल में डेंगू राेगियाें की पाॅजिटिव रिपाेर्ट ने संदेह पैदा किया, जबकि पूरे प्रदेश में डेंगू के मरीजाें की संख्या बिलकुल कम है। एेसे में सेंट्रल लैब में नाम बदलकर एलाइजा रीडर से जांच के लिए सैंपल भेजे गए, जिनमें पाॅजिटिव केस रिपाेर्ट हाेने पर संदेह की पुष्टि हाे गई। इसके बाद सेंट्रल लैब के 5 पाॅजिटिव मरीजाें की मेडिकल काॅलेज में जांच निगेटिव अाने पर झूठे केसाें का पता चला। इसकी रिपाेर्ट अतिरिक्त निदेशक काे भेज दी है। -डाॅ. अाेमप्रकाश मीणा, सीएमएचओ


सेंट्रल लैब में एलाइजा रीडर से डेंगू मरीजाें की जांच की जा रही है। इसमें प्राेसीजर भी सही हाे रहा है, लेकिन कुछ रिपाेर्ट गलत अाई हैं। किट भी एनअाईबी पुणे से ही मंगवाई गई हैं। रिपाेर्टाें की पुष्टि के लिए ही जयपुर के मेडिकल काॅलेज में जांच कराई गई, जहां से पाॅजिटिव रिपाेर्ट निगेटिव अाई हैं। एलाइजा जांच के समय मशीन में कंट्राेल भी लगते हैं, जिसमें निगेटिव कंट्राेल के निगेटिव अाैर पाॅजिटिव के पाॅजिटिव अाने पर सही जांच की पुष्टि करता है। ये प्रक्रिया भी सही अाई है। -डाॅ. तरुण यादव, पैथाेलाॅजिस्ट, राजीव गांधी सामान्य अस्पताल 



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