अब कोई भी विभाग बिना मंजूरी नहीं खरीद सकेगा 50 हजार रुपए से ऊपर का सामान





 





सूबे में वित्तीय संकट के चलते फाइनांस डिपार्टमेंट ने लिया फैसला


विपक्ष बोला, सरकार पहले मंत्रियों व सलाहकारों की सहूलियतों में करे कटौती , फिर देखे विभागों के खर्चे


 

चंडीगढ़ / पंजाब सरकार जहां अपने विधायकों को नए वाहन खरीदने की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर वित्तीय संकट का हवाला फाइनांस डिपार्टमेंट ने सभी विभागों के अधिकारियों को कम खर्चे करने का फरमान जारी कर दिया है। अब कोई भी विभाग फाइनांस डिपार्टमेंट की मंजूरी के बिना 50 हजार रुपए से ऊपर का सामान नहीं खरीद सकेगा।


जब किसी भी विभाग को 50 हजार रुपए से अधिक का कोई सामान विभाग के लिए खरीदना होगा तो संबंधित विभाग के एचओडी को फाइनांस डिपार्टमेंट को लिखकर मंजूरी लेनी होगी, अगर मंजूरी मिलती है तो ही विभाग वह सामान खरीद सकेगा, अन्यथा नहीं।


उधर, दूसरी तरफ विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कैप्टन सरकार को विभागों में बजट में कटौती के फरमान जारी करने से पहले अपने मंत्रियों व नए बनाए गए सलाहकारों के खर्चों पर कटौती करनी चाहिए। फाइनांस डिपार्टमेंट को पिछले कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि विभिन्न विभाग जब भी फाइनेंशियल ईयर समाप्त होता है तो अक्सर विभाग बचे हुए बजट के पैसे से सामान खरीद लेते हैं ताकि बचा हुआ पैसा लैप्स न हो जाए।


ऐसे में विभाग वे चीजें भी खरीद लेते हैं जिनके बिना विभाग का काम आसानी से चल रहा है, इसके बावजूद बजट का पैसा लैप्स होने के डर से विभाग कुछ सामान खरीद रहे हैं। इसे फाइनांस डिपार्टमेंट पैसे का दुरुपयोग मान रहा है। इसलिए फाइनांस डिपार्टमेंट ने यह कदम उठाया है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि विभागों को निर्देश दिए गए हैं, वे उसी काम पर खर्च करें, जिनकी अहम जरूरत हो।



फाइनांस डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जल्द सभी विभागाध्यक्षों की मीटिंग लेंगे। इसमें विभागों के खर्चों में कटौती को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही फाइनांस डिपार्टमेंट की ओर से विभागों द्वारा किए जाने वाले खर्चों पर भी चर्चा की जाएगी और उन्हें कैसे कम किया जा सकता है, इसके भी उपाय सुझाए जाएंगे।


वीआईपी कल्चर के खर्चे नहीं कम कर सकी कैप्टन सरकार
कैप्टन अमरिंदर सिंह की नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह वादा किया था, उनकी सरकार आते ही सबसे पहले वीआईपी कल्चर को खत्म किया जाएगा। जिनमें मंत्रियों को नाममात्र की सुरक्षा दी जाएगी, सरकारी वाहनों का कम उपयोग किया जाएगा। मंत्रियों व अफसरों के विदेश दौरों पर भी रोक लगाई जाएगी,जबकि कैप्टन सरकार बनने के साथ इन वादों को दरकिनार कर दिया गया है। मंत्रियों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार से कमी नहीं की गई। सरकार पुराने वाहनों की बजाय विधायकों को नए वाहन इनोवा खरीद कर देने लगी है।