300 से ज्यादा किसान नहीं बेच सके धान, केंद्रों में रखी उपज भीगी, 2 दिन ऐसे
ही रह सकता है मौसम
तिरपाल ढंकने की कोशिश की लेकिन तब तक अधिकांश धान भीग चुका था
जशपुर में दिनभर बारिश हुई पर तापमान आठ डिग्री पर स्थिर रहा
जगदलपुर / अचानक बदले मौसम के चलते जिले में गुरुवार की सुबह किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं। सुबह हुई बारिश का असर ये रहा कि खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी ही नहीं की जा सकी और करीब 300 किसानों को वापस लौटना पड़ा। इधर केंद्रों में अव्यवस्था का आलम ये रहा कि कुछ जगहों पर धान के लॉट बारिश में भीग गए। हालांकि इस बीच खरीदी प्रभारियों ने धान को तिरपाल से ढंकने की कोशिश की गई, लेकिन जब तक तिरपाल ढंका जाता, तब तक अधिकांश धान बारिश में भीग चुका था। अगले एक-दो दिनों तक मौसम के ऐसे ही बने रहने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक असम और तमिलनाडू में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण बस्तर पर दोहरा असर हो रहा है। यही कारण है कि दोनों चक्रवातों के प्रभाव से बारिश भी हो रही है। इन हालातों में खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाने कोई इंतजाम ही नहीं किए जा सके हैं। इस साल धान खरीदी पर किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। समर्थन मूल्य पर होने वाली इस खरीदी में गुरुवार को बस्तर जिले में 765 किसानों काे टोकन दिया गया था, लेकिन सुबह से लेकर देर शाम तक हुई हल्की बारिश के चलते 325 किसानों को अपना धान वापस लेकर जाना पड़ा।