तीन साल बाद...यूजी में फिर ‘सेमेस्टर’ की तैयारी, विवि और कॉलेजों को नए सिरे से करनी पड़ेगी मशक्कत; बदलाव से पूरी व्यवस्था होगी प्रभावित

भोपाल / उच्च शिक्षा में फिर बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। यह सीधे तौर पर छात्रों को प्रभावित करेगा। दरसअल, उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षा पद्धति बदलने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके चलते तीन साल पहले बंद की गई सेमेस्टर प्रणाली फिर लागू की जा सकती है। यह बदलाव सत्र-2020-21 सेे लागू किया जा सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इस बारे में पिछले दिनों घोषणा भी की थी। 
प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में सेमेस्टर सिस्टम 2008-09 से लागू किया गया था, लेकिन वर्तमान में सिर्फ स्नातकोत्तर स्तर पर ही सेमेस्टर सिस्टम लागू है। स्नातक स्तर पर अब दोबारा सेमेस्टर सिस्टम पर जाते हैं तो सिलेबस बनाने से लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित करनी होंगी, जो वार्षिक पद्धति को लागू करने के लिए की गई थी। जानकार कहते हैं कि सेमेस्टर पद्धति में सतत मूल्यांकन के शामिल होने से उन्हें लगातार अध्ययन करते रहने के कारण सीखने के अधिक अवसर मिलते हैंै। इससे छात्र विषय की गहराई तक पहुंच पाते हैं। सिर्फ इसे सही ढंग से लागू करने की जरूरत है। 


पद्धतियों के तुलनात्मक गुण-दोष: सेमेस्टर सिस्टम में वार्षिक पद्धति के मुकाबले ज्यादा फायदा








































विरणवार्षिक पद्धतिसेमेस्टर सिस्टम
िवद्यार्थी की विषय की समझपरीक्षा सत्र में एक बार होने से सतही और विषय को गहराई से समझने के अवसर कमपरीक्षा सत्र में दो बार होने तथा आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य
होने से विषय को गहराई से समझने के अवसर अधिक
 
व्यक्तित्व विकास और विद्यार्थी     
 

आंतरिक मूल्यांकन के कारण अवसर कम  


अनेक विधाओं के माध्यम से आंतरिक मूल्यांकन के
की रोजगार पाने की क्षमता         कारण अधिक अवसर
िद्यार्थी के लिए वैकल्पिक विषय    
 
कम    च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम अपनाए जाने की
चुनने के अवसर        सम्भावना के कारण अधिक
विद्यार्थी पर अध्ययन भार तथा तनाव    

 
वर्ष में एक बार परीक्षा होने के कारण अधिक    वर्ष में दो बार परीक्षा होने के कारण कम
 विद्यार्थी मंे अध्ययन की आदत    एक बार परीक्षा होने से कम    आंतरिक मूल्यांकन होने से अधिक
विद्यार्थी मंे अध्ययन की आदत    
 
एक बार परीक्षा होने से कम    आंतरिक मूल्यांकन होने से अधिक
विकसित करने के अवसर
फीडबैक लेने तथा उसका लाभ    
 
परीक्षा सत्र में एक बार होने तथा आंतरिक    परीक्षा सत्र में दो बार होने तथा आंतरिक
उठाने के अवसर    मूल्यांकन अनिवार्य न होने से कम    मूल्यांकन अनिवार्य होने से अधिक

इन मामलों में भी ऐसे रहेंगे अवसर








































विवरण    वार्षिक    सेमेस्टर
 
 सह-पाठ्य गतिविधियों के लिए समय   कम    अधिक
 
 पाठ्येत्तर गतिविधियों के लिए समय    पर्याप्त    कम
 
 प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय    पर्याप्त    कम
 
 नामांकन और परीक्षा प्रक्रिया पूरी करने    पर्याप्त    कम
के लिए विवि के पास समय
 
अध्यापकों का अध्यापन तथा शोध    पर्याप्त   अधिक
के लिए समय भार
 
 कमजोर विद्यार्थियों के लिए    अधिक    कम
 
अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के अवसर

बंद करना पड़ा था सेमेस्टर सिस्टम
2010 में विवि तथा विद्यार्थियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 2011-12 से द्वि प्रश्न-पत्र प्रणाली के स्थान पर एकल प्रश्न-पत्र प्रणाली, सेमेस्टर में प्रोजेक्ट कार्य के स्थान पर अंतिम सेमेस्टर में प्रोजेक्ट कार्य तथा एटीकेटी के नियमों में संशोधन किए गए। लेकिन छात्र संगठनों के दबाव में इसे बंद करना पड़ा। 


एक्सपर्ट व्यू... बहुत अच्छा कदम होगा
स्नातक स्तर पर भी सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाता है तो यह बहुत अच्छा कदम होगा। यूजीसी भी इसे प्रमोट करते हैं। एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट में यह बहुत सफल रहा है।  डॉ. प्रमिला मैनी, पूर्व संचालक आईईएचई


अगले सत्र से लागू करेंगे नई व्यवस्था


सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। कॉलेजों में रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती कर ली है। जिन कोर्सेस में शिक्षकों की कमी है उनमें अगले सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा।इसका परीक्षण करा रहे हैं। जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री


Popular posts
MP पुलिस के जांबाज अफसर ओर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहिंदर कंवर परिणय सूत्र में बंधे
Image
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में ऑनलाइन बैठक तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश - डॉ. हेमंत जैन तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनें : रामजी राय दतिया। असमय मानव जीवन के खत्म होने में बहुत बड़ा योगदान तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन से है चाहे वह चबाने वाला हो, सूंघने वाला हो अथवा धूम्रपान हो। इन सबके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव से सेवन करने वाला स्वयं और अपने इर्दगिर्द रहने वाले स्वजनों को धीमी जहर से होने वाली मौत की ओर अग्रसर करता है। इसमें युवा भी अत्यधिक ग्रसित होता चला जारहा है। अतः आवश्यक है सामुदायिक जागरूकता की। उक्त उद्गार वरिष्ठ समाजसेवी वीरेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किए। तम्बाकू जानलेवा, मैं भी कर रहा हूँ इसकी आदत छोड़ने क़ी कोशिश यह बात बैठक में स्रोत व्यक्ति के रूप में सम्मिलित मेडीकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमंत जैन ने कही। इस उद्देश्य की प्रतिपूर्ति हेतु विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वदेश ग्रामोत्थान समिति व मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में संचालित अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन वेविनार बैठक संस्था संचालक रामजीशरण राय के नेतृत्व में आयोजित की गई। उन्होंने तम्बाकू मुक्त समाज की पहल में सहभागी बनने की अपील की। साथ ही श्री राय ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वाले व उससे होने वाली मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए। कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा प्रदत्त एडवाइजरी के परिपालन में सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु आयोजित ऑनलाइन जागरूकता बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी सरदारसिंह गुर्जर, डॉ. बबीता विजपुरिया, दया मोर, अशोककुमार शाक्य, राजपालसिंह परमार, पीयूष राय, रुचि सोलंकी, बलवीर पाँचाल, दीक्षा लिटौरिया, श्वेता शर्मा, जितेंद्र सविता, प्राप्ति पाठक, अखिलेश गुप्ता, देवेंद्र बौद्ध, पिस्ता राय, अभय दाँगी, शिवम बघेल, भैरव दाँगी, प्रज्ञा राय, शैलेंद्र सविता, सुवेश भार्गव आदि ने सहभागिता करते हुए समुदाय को तम्बाकू मुक्त बनाने हेतु सतत जागरूकता के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने की सहमति जताई। हम विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर शपथ लेते हैं कि प्रत्येक मानव जीवन को सुरक्षितऔर संरक्षित रखने हेतु स्वयं तम्बाकू से बने पदार्थों का सेवन नहीं करेंगे साथ ही समुदाय को तम्बाकू से बने पदार्थों के सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे। साथ ही शपथ लेते हैं कि हम अपने अपने स्तर पर जिले सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की पहल में शासन प्रशासन का आवश्यक सहयोग करते हुए कोटपा अधिनियम के कानूनी प्रावधानों की जागरूकता करेंगे। उक्त जानकारी बलवीर पाँचाल ने देते हुए सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान मुक्त करने की अपील की। अंत में बैठक सहभागी सभी का आभार सरदार सिंह गुर्जर ने किया।
Image
प्रशासन ने सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खोला बाजार, व्यापारी नहीं चाहते खोलना
संत श्री 1008 बैदेही बल्लभ शरण महाराज का हुआ अभिनंदन