प्रदेश के जीएसटी कंपनसेशन के 1678 करोड़ रुपए केन्द्र के पास फिर अटके

इंदौर / जीएसटी कंपनसेशन (क्षतिपूर्ति) की राशि एक बार फिर केंद्र के पास अटक गई है। इससे प्रदेश सरकार नाराज है और एक बार फिर 14 मार्च को प्रस्तावित जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा उठेगा। यह राशि 1678 करोड़ रुपए है। इसमें अक्टूबर-नवंबर के कंपनसेशन की भी कुछ राशि और दिसंबर-जनवरी की राशि के अलावा कुछ अन्य राशि बकाया है। भुगतान नहीं होने पर सरकार पहले ही केंद्र को पत्र लिख चुकी है। इससे पहले भी मप्र सहित पांच अन्य राज्यों ने कंपनसेशन राशि में देरी को लेकर केंद्र सरकार के सामने नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात कही थी, जिसके बाद यह राशि जारी हो गई थी।



इस तरह बची हुई है राशि : अक्टूबर-नवंबर की कंपनसेशन राशि 1368 करोड़ रुपए थी। इसमें फरवरी में केंद्र ने 775 करोड़ रुपए जारी किए और 593 करोड़ रुपए बाकी रह गए। इसके साथ ही दिसंबर व जनवरी माह की कंपनसेशन राशि 952 करोड़ रुपए बन रही है, साथ ही अन्य राशि 133 करोड़ रुपए बकाया है। इस तरह कुल 1678 करोड़ रुपए राशि बाकी है।



हर माह 2157 करोड़ चाहिए : जीएसटी लागू होते समय फार्मूला बना था कि राज्य सरकार को होने वाली आय का 14 फीसदी सुरक्षित किया जाएगा। जीएसटी से जितनी आय होगी और इस फॉर्मूले से वह कम होगी, इसका अंतर केंद्र देगी, इसे ही कंपनसेशन राशि कहा गया। वित्तीय साल 2019-20 के लिए मप्र सरकार के लिए यह राशि 2157 करोड़ रुपए प्रति माह है।