पर्यावरण की खातिर ज्यादातर स्थानों पर गोकाष्ठ से ही होगा होलिका दहन

भोपाल / उत्साह, उमंग व आपसी सद्भाव का प्रतीक होली पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। इसके पूर्व सोमवार को शहर में एक हजार से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होगा। इस बार होलिका दहन के लिए गो काष्ठ व कंडों का उपयोग किया जा रहा है। इसका प्रमाण यह है कि गो काष्ठ संवर्धन समिति से अब तक डेढ़ हजार क्विंटल से अधिक  गो काष्ठ उत्सव समितियां ले जा चुके हैं। शहर में 24 स्थानों पर गो काष्ठ विक्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। पंडितों के अनुसार इस बार अशुभ माना गया भद्रा योग नहीं रहेगा। इसलिए होलिका दहन के लिए शाम 6 से रात 12 बजे तक कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कैलाश बेगवानी के अनुसार डेढ़ हजार स्थानों पर जबकि पुलिस के मुताबिक 1178 स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। यह जानकारी सभी थानों में समितियों द्वारा दी गई है। होलिका दहन स्थलों को सजाए जाने का सिलसिला रविवार शाम से प्रारंभ हो गया।


गो काष्ठ खरीदने केंद्रों पर पहुंच रहीं समितियां 
गो काष्ठ संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष अरुण चौधरी व अजय दुबे ने बताया कि रविवार को सभी केंद्रों पर गो काष्ठ लेने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। अब तक डेढ़ हजार क्विंटल से अधिक गो काष्ठ बेची जा चुकी है। केंद्रों पर 25-25 किलो गो काष्ठ की बोरियां भरकर रखी गई है, जिसे लोग वाहनों में रखकर ले जा रहे हैं। कई दूर-दराज के लोगों को समिति परिवहन खर्च लेकर उन्हें पहुंचाने का काम भी कर रही है। 


होलिका दहन मुहूर्त


सोमवार को भद्रा योग दोपहर डेढ़ बजे तक ही रहेगा। ज्योतिषी अंजना गुप्ता ने बताया कि शाम 6.15 से रात 12.58 तक शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें होलिका दहन करना श्रेष्ठ रहेगा। 


चल समारोह कल


हिंदू उत्सव समिति द्वारा मंगलवार को सुबह 11 बजे दयानंद चौक से होली चल समारोह निकाला जाएगा। अध्यक्ष बेगवानी ने बताया कि सभी हुरियारों से अपील की गई है कि वे हर्बल रंग व गुलाल का ही उपयोग करें। चल समारोह में राधा-कृष्ण की बृज की होली पर अाधारित झांकी अाकर्षण का केंद्र रहेगी। कोटरा, बैरागढ़, कोलार व भेल क्षेत्र में भी चल समारोह निकाले जाएंगे।