जीटीबी में बना 18 बेड का आइसोलेशन वार्ड,आरएमएल में खुले में नहीं होगी जांच

नई दिल्ली / कोरोना वायरस के संदिग्धों और पुष्टि होने के बाद उनके इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड तैयार हो गया है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इसमें 18 बेड होंगे। जरूरत की सभी चीजें मंगवा ली हैं और टीम भी तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी दवाएं अस्पताल में मौजूद हैं। टीम के साथ एक मॉक एक्सरसाइज भी की गई है। रजिस्ट्रेशन के लिए अलग काउंटर बना दिए हैं। फीवर क्लीनिक की भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।


आरएमएल ने जांच के लिए सीसीयू बिल्डिंग के पास बनाई कवर्ड जगह


नोडल सेंटर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब कोरोना के संदिग्धों की जांच खुले में नहीं होगी। प्रशासन ने इसके लिए कवर्ड जगह तैयार कर ली है। यह जगह सीसीयू बिल्डिंग के पास ही है। यहां चार कमरों को तैयार किया गया है। यहां रजिस्ट्रेशन, स्क्रीनिंग, सैंपल लेने आदि की व्यवस्था की गई है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि बैक डोर से जाने वाला रास्ता केवल कोरोना संदिग्धों के लिए है। दूसरे लोगों को यहां से गुजरने की मनाही है। यहां सिर्फ उसे जाने दिया जाएगा जो जांच कराना चाहता है। पहले यहां खुले में जांच हो रही थी, जिसे भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था।


बड़ौदा हाउस में बना कंट्रोल रूम, देश भर के पीड़ितों पर रहेगी नजर
उत्तर रेलवे ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बड़ौदा हाउस में कंट्रोल रूम का निर्माण किया है। इस कंट्रोल रूम से देश भर में रेलवे के क्षेत्राधिकार में कोरोना वायरस से पीड़ितों पर पर नजर रखी जाएगी। यह जानकारी उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने शनिवार को दी। चौधरी ने बताया कि संक्रमण के संदेह में विदेश से लौटने वाले दो रेलकर्मियों की जांच कराई गई है। उन पर नजर रखी जा रही है। लौटने के बाद उनकी जिन लोगों से मुलाकात हुई थी उन सभी की पहचान कर ली गई है।