दस नंबर, ग्यारह नंबर, नामिबिया के बच्चों जोसफ-1

दस नंबर, ग्यारह नंबर, नामिबिया के बच्चों जोसफ-1


जोसफ-2 जैसे; अब वक्त है इन्हें कुछ सम्मानजनक नाम देने का


भोपाल / ‘नामिबिया से मेरा एक दोस्त लौटा और बताया- वहां लोग अपने बच्चों का नाम जोसफ 1, जोसफ 2... इस तरह रखते हैं। कल्पनाशक्ति के अभाव में ऐसा होता है और यह आसान भी है। कुछ ऐसा ही नए भोपाल में भी दिखता है- दस नंबर, ग्यारह नंबर... सीधे ब्यूरोक्रेट्स की फाइलों से निकले हुए नाम। ‘व्हॉट्स इन ए नेम’ शीर्षक से यह कहानी बयां की है वर्तुल सिंह ने अपनी किताब ‘भोपालनामा’ में। शुक्रवार शाम स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में इस किताब पर वर्तुल सिंह से चर्चा कर रहे थे रेरा अध्यक्ष अंटोनी डिसा और पत्रकार राकेश दीक्षित।


वर्तुल सिंह ने कहा, 'अब वक्त है कि इन जगहों को कुछ सम्मानजनक नाम दिए जाएं। यह वही भोपाल है जिसमें गली, मोहल्लों, इलाकों को नाम देने की परंपरा रही है, आम लोगों के बोलचाल की भाषा में। ‘गुलिया दाई का मोहल्ला’ और ‘काली धोबन की गली’ आज भी हैं। दोस्त मोहम्मद ने भी किले के 6 दरवाजों का नामकरण बड़ी आसानी से किया था- दिनों के नाम पर... इतवारा, बुधवारा, जुमेराती। हर दरवाजे पर वार के हिसाब से बाजार लगता था।’


भोपाल का हर किस्सा अपने आप में पूरा


अमैरिलिस, मंजुल पब्लिशिंग हाउस के इंप्रिंट और क्लब लिटराटी द्वारा आयोजित इस पुस्तक चर्चा के दौरान डिसा ने कहा- किताब को किस्सों में लिखा गया है और हर किस्सा अपने आप में पूरा है। यही किताब की सबसे बड़ी विशेषता है। इस मौके पर मौजूद लोगों ने भोपालनामा का दूसरा एडिशन निकालने का आग्रह भी किया।


शाहजहां बेगम ने लिखा होली गीत...
ताज महल में शाहजहां बेगम ने होली उत्सव का आयोजन शुरू करवाया था। यहां केवड़ा, ज़ाफरान और फूलों के साथ को रंग मिलाए जाते थे। हालांकि भोपाल के शाही परिवारों को ही आने की इजाजत थी। इन्हें सोने-चांदी कि पिचकारियां बतौर तोहफा दी जाती थीं। शाहजहां बेगम ने होली पर एक गीत भी लिखा- आज पिया संग खेले होरी, सब सखियां मिलके चलोरी...। आम लोगों के साथ होली की शुरुआत हमीदुल्ला खान ने की।


भोपाल के 300 साल का इतिहास 300 पन्नों में
वर्तुल में बताया- "भोपालनामा' शहर की विचित्रता और अद्वितीयता को दर्शाता है। किताब के कवर फोटो के बारे में उन्होंने बताया- वैसे तो भोपाल में बहुत से ऐसे स्थल और जगह हैं, जिनका फोटो ही काफी था, लेकिन वह किसी एक पक्ष को ही दर्शाता। ऐसे में कवर फोटो ऐसा होना चाहिए था, जो भोपाल को महसूस कराने के साथ ही सकारात्मक भी हो। काफी सोच विचार के बाद बड़े दरवाजे से स्कूटर पर सवार होकर जाते युवक के फोटो को चुना गया।


भोपाल का पहला हेयरकटिंग सैलून
बहुत पुरानी बात नहीं है जब भोपाल में लालजी भाई, किस्सागोई के लिए जाने जाते थे और अपने शाही क्लाइंट्स का खास ख्याल रखते थे। उनकी तहज़ीब और ज़बान की नज़ाकत उन्होंने सीख ली थी। पढ़े-लिखे नहीं थे लेकिन भोपाल का पूरा इतिहास बयां कर सकते थे। भोपाल का पहला मॉडर्न हेयर कटिंग सलून- हीरा हेयर कटिंग सलून स्थापित करने का श्रेय उन्हें ही जाता है। यह चौकी तलैया इलाके में खुला, सुल्तानिया रोड शिफ्ट किया गया और वक्त की मार का शिकार होकर बंद हो गया।


ऐसे किस्से भी
सीहोर में एक दिन बाद होली मनाए जाने का कारण, कुछ कहते दरवाजे, रहस्मयी हवेलियां, एक पिंडारी संस्थापक, वेल्स के राजकुमार का दौरे के दौरान अचानक गायब हो जाना और एक फिरंगी मेमसाहेब की कहानियां हैं।


वर्तुल सिंह के बारे में
वर्तुल सिंह भारतीय सेना में कैप्टन थे। फिर यूपीएससी 1994 बैच में सीआईएसएफ में चुने गए। वर्तमान में भारत सरकार में वरिष्ठ पद पर हैं। उनकी प्रकाशित रचनाओं में ‘एक गुना बेखुदी', प्रमुख हिंदी पत्रिकाओं में लघु कथाएं शामिल हैं।


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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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