, ठंड का बहाना
मनगटा स्थित वन चेतना केन्द्र में वन्य जीवों के संरक्षण के नाम पर हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे पर यहां वन्य जीव सुरक्षित नहीं हैं। पांच दिन पहले यहां नील गाय के दो माह के बच्चे की मौत हो गई। मौत की वजह ठंड को बताया जा रहा है पर खबर है कि नील गाय की देखरेख में लापरवाही बरते जाने की वजह से ऐसा हुआ है। मौसम खराब होने के बाद भी बच्चे को बाहर ही रखा जाता था।
नील गाय के इस बच्चे को बागनदी क्षेत्र से लाया गया था जो कि जंगल से भटकते हुए सड़क किनारे आ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने बच्चे को वन चेतना केन्द्र में रखा था। नील गाय का बच्चा चेतना केन्द्र के जिम्मेदारों की निगरानी में था। इसके बाद भी इसे नहीं बचाया जा सका।
इस वन्य प्राणी को चेतना केन्द्र के वॉच टॉवर के समीप रखा गया था। भूख मिटाने के लिए दूध की व्यवस्था रोज की जा रही थी।
चेतना केन्द्र के इसी वॉच टॉवर के पास बछड़े को रखा गया था।
पीएम के बाद कराया अंतिम संस्कार
नील गाय के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर चेतना केन्द्र के अफसरों ने पशु चिकित्सा विभाग के अफसरों को बुलाया था। डॉक्टरों ने इलाज किया पर बच्चा नहीं बच पाया। मौत के बाद पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद चेतना केन्द्र परिसर में ही अंतिम संस्कार किया गया।
इलाज भी कराया गया था
नील गाय के इस बच्चे को बागनदी क्षेत्र से लाया गया था जो कि जंगल से भटकते हुए सड़क किनारे आ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने बच्चे को वन चेतना केन्द्र में रखा था। नील गाय का बच्चा चेतना केन्द्र के जिम्मेदारों की निगरानी में था। इसके बाद भी इसे नहीं बचाया जा सका।
इस वन्य प्राणी को चेतना केन्द्र के वॉच टॉवर के समीप रखा गया था। भूख मिटाने के लिए दूध की व्यवस्था रोज की जा रही थी।
चेतना केन्द्र के इसी वॉच टॉवर के पास बछड़े को रखा गया था।
पीएम के बाद कराया अंतिम संस्कार
नील गाय के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर चेतना केन्द्र के अफसरों ने पशु चिकित्सा विभाग के अफसरों को बुलाया था। डॉक्टरों ने इलाज किया पर बच्चा नहीं बच पाया। मौत के बाद पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद चेतना केन्द्र परिसर में ही अंतिम संस्कार किया गया।
इलाज भी कराया गया था