पाक से 2001 में भारत आईं नीता को पांच माह पहले मिली नागरिकता

, अब नटवाड़ा से सरपंच उम्मीदवार



टाेंक / भारतीय नागरिकता मिलने के बाद पाकिस्तान मूल की नीता कंवर पहली बार सरपंच चुनाव में नटवाड़ा से भाग्य आजमा रही हैं। उनको 8 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय नागरिकता मिली थी। लेकिन अब वो मतदान भी कर सकेंगी एवं सरपंच के लिए भी भाग्य आजमाने के लिए मैदान में हैं।


पाकिस्तान मूल की नीता कंवर वर्तमान में टोंक जिले के उपखंड निवाई की पंचायत नटवाड़ा के राजपूत परिवार की बहू हैं। पड़ोसी देश की बेटी एवं भारतीय बहू नीता कंवर 2001 में 18 वर्ष पहले पाकिस्तान से अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए राजस्थान के जोधपुर जिले में अपने चाचा नखत सिंह सोढ़ा के यहां आईं थी। 2005 में सोफिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 19 फरवरी 2011 को नटवाड़ा राज घराने के ठाकुर लक्ष्मण करण राठौड़ के बड़े पुत्र पुण्य प्रताप करण के साथ उनका विवाह हुआ। कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद 5 माह पहले सितम्बर 2019 में उनको भारतीय नागरिकता मिली थी। 


ससुर ने किया चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित


नीता ने बताया कि उनके ससुराल की पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। ससुर भी दो बार सरपंच रह चुके हैं। राजनीति में आने की प्रेरणा ससुर ठाकुर लक्ष्मण करण से मिली। ससुराल में पहले भी उनके सास-ससुर चुनाव लड़ चुके हैं एवं राजनीति में आने एवं चुनाव लड़ने के लिए उनके ससुराल पक्ष में पति पुण्य प्रताप, ससुर लक्ष्मण करण का सहयोग किया। गांव में सरपंच पद के लिए महिला सामान्य सीट आरक्षित होने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने निर्णय किया। 


नीता चुनाव प्रचार में जुटीं


प्रथम चरण में निवाई की नटवाड़ा ग्राम पंचायत में सरपंच चुना जाना है। इसके लिए नीता कंवर ने जमकर प्रचार-प्रसार किया। नीता कंवर अपने पक्ष में वोट मांगने के लिए घरों में जाती हैं, तो कई जगह राजस्थानी परम्परा के अनुसार गांव की महिलाएं शगुन आदि की रस्म निभाती हैं। उसको देखने की भी गांव में कई महिलाओं में उत्सुकता दिखी।