, कराई जाएगी जांच
न्यूनतम आबादी पर ध्यान नहीं
मुख्यमंत्री हाट-बाजार के लिए पांच हजार आबादी वाले गांव होना चाहिए। लेकिन शिवपुरी जिले के ग्राम चिन्नौद की आबादी 3 हजार है, फिर भी हाट-बाजार मंजूर कर दिए गए। इसके अलावा ग्राम कड़ौरा लोधी, छितीपुर, डामरौनखुर्द, डूमघुना, आढर, बासगढ़ में भी हाट-बाजार का निर्माण करा दिया गया, जबकि इन गांव की आबादी भी 5 हजार नहीं है।
मप्र के बाजारों को आधुनिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना शुरू की गई थी। पूर्व सरकार के समय पंचायतों को जमकर राशि दी गई, लेकिन इनके दुरुपयोग की शिकायतें ज्यादा आईं। सरकार बदलने के बाद भी इस योजना के अंतर्गत कुछ राशि जारी कर दी गई।
जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे
 हाट-बाजार योजना अच्छी है, लेकिन उसमें ईमानदारी से काम नहीं हुअा। हमें कई शिकायतें मिली हैं। पुराने काम की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। कमलेश्वर पटेल, पंचायत मंत्री, मप्र
23 हजार से अधिक पंचायतों के बाजारों को स्मार्ट बनाया जाना है
110 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हाट-बाजार के नाम पर लेकर खर्च कर दी गई
मुख्यमंत्री हाट-बाजार के लिए पांच हजार आबादी वाले गांव होना चाहिए। लेकिन शिवपुरी जिले के ग्राम चिन्नौद की आबादी 3 हजार है, फिर भी हाट-बाजार मंजूर कर दिए गए। इसके अलावा ग्राम कड़ौरा लोधी, छितीपुर, डामरौनखुर्द, डूमघुना, आढर, बासगढ़ में भी हाट-बाजार का निर्माण करा दिया गया, जबकि इन गांव की आबादी भी 5 हजार नहीं है।
मप्र के बाजारों को आधुनिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना शुरू की गई थी। पूर्व सरकार के समय पंचायतों को जमकर राशि दी गई, लेकिन इनके दुरुपयोग की शिकायतें ज्यादा आईं। सरकार बदलने के बाद भी इस योजना के अंतर्गत कुछ राशि जारी कर दी गई।
जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे
 हाट-बाजार योजना अच्छी है, लेकिन उसमें ईमानदारी से काम नहीं हुअा। हमें कई शिकायतें मिली हैं। पुराने काम की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। कमलेश्वर पटेल, पंचायत मंत्री, मप्र
23 हजार से अधिक पंचायतों के बाजारों को स्मार्ट बनाया जाना है
110 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हाट-बाजार के नाम पर लेकर खर्च कर दी गई