मैं तो देखूूंगा छपाक, सीएए-एनआरसी का समर्थन नहीं करता

कितनी भी घृणा करो,



मंडला /  मंडला कलेक्टर जगदीश चंद जटिया द्वारा फेसबुक पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक और सीएए-एनआरसी को लेकर किए गए पोस्ट के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कलेक्टर ने अपनी पोस्ट में लिखा था- ‘आप कितनी भी घृणा करो, मैं तो देखूंगा छपाक। इस पोस्ट पर कुछ लोगों ने कमेंट किए तो कलेक्टर ने लिखा, मुझे विवेक का इस्तेमाल करना आता है। मैं खुद सीएए और एनआरसी का सपोर्ट नहीं करता हूं। मारपीट भी टीवी पर देखी है। 


अधिकारियों का उपयोग कर रहे कमलनाथ
मंडला कलेक्टर सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिख रहे है कि वह सीएए का समर्थन नहीं करते है, यह लोक सेवा आचरण संहिता का खुला उल्लघंन है। क्या कमलनाथ अपने राजनीतिक विजन को पूरा करने के लिए अधिकारियों का उपयोग कर रहे हैं। जो कानून राजपत्र में प्रकाशित हो चुका हो, कोई कलेक्टर उसके खिलाफ जाकर कैसे बोल सकता है। कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिये। - राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा


मंडला कलेक्टर वाली खबर में कांग्रेस का वर्जन
लोकतंत्र में विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार सभी को है। मंडला कलेक्टर ने भी एक सामान्य नागरिक की तरह दमनकारी कानून को लेकर अपने विचार अभिव्यक्त किए हैँ।  इसे किसी और रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। - विनय सिंह, प्रदेश प्रवक्ता (कांग्रेस)


शिवराज ने राज्यपाल को लिखा पत्र, कार्रवाई की मांग


पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर कलेक्टर पर प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा नहीं की जाती कि वे विरोध या समर्थन में अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता जाहिर करें। सीएए कानून का रूप ले चुका है और उसे संसद ने पारित किया है।


विवाद बढ़ा तो यू-टर्न : सीएए-एनआरसी की जानकारी नहीं
विवाद बढ़ा तो कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया ने कहा कि सीएए-एनआरसी के बारे में कोई जानकारी नही है। मैने ऐसे ही सोशल मीडिया पर डाला था। देखने की इच्छा थी कि एसिड अटैक सर्वाइवर किस तरह से सर्वाइव कर रहे है। उनके जीवन को किस तरह फिल्माया गया है, इसके कला पक्ष को देखना चाहता था। कोई दूसरी बात नही है।