एक चौथी क्‍लास के बच्‍चे ने लिखा ऐसा भावुक निबंध जिसे पढ़कर टीचर भी रो पड़ी

एक चौथी क्‍लास के बच्‍चे ने लिखा ऐसा भावुक निबंध जिसे पढ़कर टीचर भी रो पड़ी


मासूम का दर्द कुछ ऐसे छलका



मुंबई / एक बेहद भावुक कर देने वाला वाकया जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है ! जिसमें उस घटना का उल्लेख है जो महाराष्ट्र के बीड़ जिले स्‍कूल के गांव वाल्‍केवाड़ी से सामने आई है ! इस स्कूल की टीचर ने चौथी क्लास के बच्चों को किसी विषय पर निबंध लिखने को कहा गया। तब मंगेश वाल्‍के नाम के एक बच्‍चे ने जो निबंध लिखा उसे पढ़कर टीचर रो पड़ी। वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और आंखें भर आईं। मंगेश ने अपने निबंध में बहुत कम उम्र में पिता के सहारे को खो देना क्‍या होता है, उस दर्द को जीवंत कर दिया था । उसके पिता की कुछ दिनों पहले TB से मौत हो गई थी। मंगेश अपनी दिव्‍यांग मां के साथ रहता है। पिता के गुजर जाने के बाद घर में अब कमाने वाला कोई कोई नहीं है। इन हालातों से गुज़रने का जो दर्द होता है, वह उसकी लिखावट में जीवंत हो गया है। उसके स्‍कूल टीचर ने उससे ‘My Father’ विषय पर निबंध लिखने को कहा। बच्‍चे ने इस पर जो लिखा, उसे पढ़कर टीचर नजमा शेख की भी आंखें नम हो गईं।


मंगेश का वह दर्द जो वाट्सअप में वायरल हो रहा है…


मंगेश की टीचर नजमा शेख ने इस निबंध को WhatsApp group पर शेयर किया है और लोगों से अपील की है कि वे आगे आकर मंगेश की मदद करें। टीचर ने कहा कि मंगेश ने मॉय फादर टॉपिक पर निबंध लिखा है, जिसे पढ़कर मेरी आंखों में आंसू आ गए। इसे पढ़कर साफ तौर पर पता चलता है कि पिता के गुज़र जाने के बाद मंगेश किस मानसिक अवस्‍था से गुजर रहा है। मंगेश की दिव्‍यांग मां को 600 रुपए की पेंशन मिलती है। मंगेश और उसकी मां एक छोटे से खेत में काम करते हैं। उसकी मां बताती है कि पिता की मृत्‍यु के बाद बेटा बहुत मायूस रहने लगा है।


मंगेश ने अपने निबंध में लिखा था…


बेहद भावुक कर देने वाले निबंध में लिखा गया है कि, “मेरा नाम मंगेश परमेश्‍वर है। मेरे पिता का ही नाम परमेश्‍वर था। उनको टीबी का रोग था, इसलिए मेरी मां ने मुझे मामा के गांव भेज दिया। इस बीच पिता की मृत्‍यु हो गई। वो मजदूरी करते थे। जब वो जीवित थे तो घर में खाना लाते थे। घर चलाते थे। मेरे लिए कॉपी और पेन लाते थे। वो मुझसे बहुत प्‍यार करते थे। मुझे भी पिता से बहुत प्रेम था। लेकिन 18 दिसंबर 2019 को उनकी मृत्‍य हो गई। मुझे याद है मेरी मां उस दिन बहुत रोई थी। मैं भी उस दिन फूट-फूटकर रोया था। मुझे यह अच्‍छे से याद है कि उस दिन घर पर बाहर से बहुत सारे मेहमान आए थे। मेरे पिता एक अच्‍छे इंसान थे। वो हमेशा कहते थे कि आप मन लगाकर पढ़ाई करके बहुत आगे जा सकते हो। अब चूंकि पिता नहीं रहे, इसलिए अब मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है। मुझे उनकी बहुत याद सताती है। मैं पापा को मिस करता हूं। अब मुझे और मां को यही डर सताता है कि रात में घर पर चोर-उचक्‍के ना घुस आएं। पापा, आप वापस लौट आओ।



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