शिवपुरी / बाल संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर बैनर के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बाल अधिकार का यह नारा शिक्षित हो हर बच्चा हमारा का संदेश दिया। साथ ही बाल विवाह एक अपराध के बारे में लोगों को नारों के माध्यम से जागरूक किया।
दरअसल 6 से 11 जनवरी तक बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक दिन की अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन संबंधित सेक्टर और आंगनवाड़ी केंद्र के अलावा विकासखंड मुख्यालयों पर किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर के प्रमुख मार्गों पर बाल संरक्षण के संबंध में जन जागरूकता रैली निकाली गई।
मारपीट कर या डरा-धमकाकर बच्चों को स्कूल न भेजें। उनके स्कूल न जाने का कारण खोजे हो सकता है कि वह किसी और वजह से स्कूल न आ रहा हो। यह बात बाल संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत कही। इस दौरान बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि शुरुआती दिनों में बच्चों का यह व्यवहार स्वभाविक है। लेकिन रोज़ स्कूल जाने वाला बच्चा अचानक से डरे-सहमे अंदाज में या चिढ़कर स्कूल जाने से मना करता है या किसी व्यक्ति विशेष के पास जाने से कतराता है,तो इन बातों की अनदेखी न करें,बल्कि उसकी बजह जानने का प्रयास करें। बच्चे का यह व्यवहार अलार्म बेल (सतर्क होने का समय) है। मासूम की ना-नुकर के पीछे गंभीर कारण भी हो सकते है।
बाल संरक्षण सप्ताह पर निकाली गई रैली में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।
बच्चों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी टिप्स भी बताए
बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहें,क्योंकि बच्चा समाज का भविष्य और राष्ट्र की अनमोल संपदा है। देखभाल करने अथवा घरेलू कामकाजी लोगों के बैकग्राउंड ,स्वभाव आदि की पूरी जानकारी रखें। बच्चों के साथ कोई घटना तो घटित नहीं हो रही इस पर नजर रखने के लिये हिडन कैमरे भी लगा सकते है। अनजान लोगों से खाने-पीने का कोई सामान न लें तथा अनजान लोगों के साथ कहीं न जाएं।
दरअसल 6 से 11 जनवरी तक बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक दिन की अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन संबंधित सेक्टर और आंगनवाड़ी केंद्र के अलावा विकासखंड मुख्यालयों पर किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर के प्रमुख मार्गों पर बाल संरक्षण के संबंध में जन जागरूकता रैली निकाली गई।
मारपीट कर या डरा-धमकाकर बच्चों को स्कूल न भेजें। उनके स्कूल न जाने का कारण खोजे हो सकता है कि वह किसी और वजह से स्कूल न आ रहा हो। यह बात बाल संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत कही। इस दौरान बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि शुरुआती दिनों में बच्चों का यह व्यवहार स्वभाविक है। लेकिन रोज़ स्कूल जाने वाला बच्चा अचानक से डरे-सहमे अंदाज में या चिढ़कर स्कूल जाने से मना करता है या किसी व्यक्ति विशेष के पास जाने से कतराता है,तो इन बातों की अनदेखी न करें,बल्कि उसकी बजह जानने का प्रयास करें। बच्चे का यह व्यवहार अलार्म बेल (सतर्क होने का समय) है। मासूम की ना-नुकर के पीछे गंभीर कारण भी हो सकते है।
बाल संरक्षण सप्ताह पर निकाली गई रैली में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।
बच्चों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी टिप्स भी बताए
बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहें,क्योंकि बच्चा समाज का भविष्य और राष्ट्र की अनमोल संपदा है। देखभाल करने अथवा घरेलू कामकाजी लोगों के बैकग्राउंड ,स्वभाव आदि की पूरी जानकारी रखें। बच्चों के साथ कोई घटना तो घटित नहीं हो रही इस पर नजर रखने के लिये हिडन कैमरे भी लगा सकते है। अनजान लोगों से खाने-पीने का कोई सामान न लें तथा अनजान लोगों के साथ कहीं न जाएं।