आईएएस-आईपीएस समेत 7 लाख सरकारी कर्मचारियों के पीएफ खातों के पासवर्ड सरकार ने साइबर ठगों के हवाले किए





पीएफ खातों की एम्प्लॉई आईडी और पासवर्ड दोनों ही पोर्टल पर ।





जन्मतिथि ही पासवर्ड, पोर्टल से आईडी निकालो, पासवर्ड डालो और खाता खंगालो


ऑनलाइन लूट की खुली छूट, तभी सरकारी कर्मचारी होते हैं साइबर ठगी के ज्यादा शिकार


 

जयपुर (राजशेखर राजहरिया) / साइबर क्राइम इस वक्त सबसे बड़ा सिर दर्द है। केंद्र और राज्य सरकारें इसे रोकने के लिए जहां सख्त कानून बना रही हैं, वहीं राजस्थान सरकार के स्टेट इंश्योरेंस और प्रोविडेंट फंड विभाग ने अपने 7 लाख कर्मचारियों का सबसे संवेदनशील डेटा साइबर ठगों के लिए सार्वजनिक कर दिया है।


जिन कर्मचारियों का डेटा साइबर ठगों के लिए खोल दिया गया है, इनमें 246 आईएएस, 179 आईपीएस, 107 आईएफएस, 876 आरएएस समेत सभी सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। चिंताजनक ये है कि ये संवेदनशील डेटा (एम्प्लाॅई आईडी, जन्म तिथि व अन्य) सरकार ने बिना सोचे-समझे वेबसाइट पर सार्वजनिक कर रखा है। इससे 7 लाख सरकारी कर्मचारी सीधे तौर पर साइबर ठगों के निशाने पर आ गए हैं।


पीएफ खातों की एम्प्लॉई आईडी और पासवर्ड दोनों ही पोर्टल पर


एम्प्लॉई आईडी (पोर्टल पर सार्वजनिक है) और पासवर्ड (जन्म दिनांक-पोर्टल पर  उपलब्ध है) से ही पीएफ खाते में लॉगिन किया जा सकता है, जो पीएफ विभाग के पोर्टल पर पब्लिक है। कर्मचारी का नाम, पिता का नाम, जॉइनिंग डेट, पद, रिटायरमेंट की तारीख, वर्तमान पोस्टिंग डेट भी सार्वजनिक है। कुछ कर्मचारियाें के माेबाइल नंबर व ईमेल अाईडी भी ऑनलाइन हैं।


अकाउंट लॉगिन करते ही पीएफ व इंश्योरेंस में जमा राशि, लेजर, कटाैतियाें का विवरण, बैंक खाता संख्या भी देखी जा सकती है। ये ऐसी जानकारियां हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर ठग ऑनलाइन लूट के लिए अक्सर करते हैं। साइबर ठगी के पीड़ितों में 40 प्रतिशत के करीब सरकारी कर्मचारी ही होते हैं। विभाग की वेबसाइट पर कर्मचारी का नाम या विभाग का नाम लिखते ही पूरी सूची सामने आ जाती है।


सरकारी विभागों के सभी पोर्टल सिंगल-साइन-ऑन (एसएसओ)अाईडी से ही लॉगिन होते हैं। सरकारी काम के लिए यह आईडी बहुत जरूरी है। अगर गलत व्यक्ति किसी की एम्प्लॉई आईडी से एसएसअाे अाईडी बनाता है तो पर्सनल डेटा लीक हाेने के साथ कर्मचारी काे अपनी ही एसएसओ आईडी री-जेनरेट करवाने के लिए विभाग के चक्कर लगाने पड़ेंंगे।


डेटा लीक के 5 बड़े खतरे :


साइबर लुटेरे सेंसेटिव पर्सनल डिटेल से ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पीएफ खाते में लॉगिन करते ही एम्प्लॉई का बैंक खाता भी दिखने लगता है। बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर खाते की जानकारी ले सकते हैं। 


साइबर ठग माेबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के कस्टमर केयर पर कॉल करके भी किसी भी कर्मचारी की जानकारी जुटा सकते हैं। सिम स्वैप के मामले हाल ही बहुत बढ़े हैं।


साइबर ठगाें की मोडस ऑप्रेंडी... ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले आपकी पर्सनल डिटेल बताकर बैंक या मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का प्रतिनिधि होने का भरोसा दिलाते हैं और फिर आसानी से बैंक खातों में सेंध लगाते हैं।


विभाग अपने पोर्टल को पे-मैनेजर पोर्टल से लिंक करने जा रहा है। इससे सैलरी, एरियर की जानकारियां भी पब्लिक हो जाएंगी। वेतन खाता भी साइबर ठगों की नजर में होगा।


विभाग ने मोबाइल गवर्नेंस से कर्मचारी-अफसरों को सरकार की ओर से 100 ऑफिशियल मैसेज भेजने की पावर दी है। अनप्रोटेक्टेड एसएसओ आईडी लॉगिन करके कोई भी व्यक्ति सरकारी मैसेजों का गलत इस्तेमाल कर सकता है।



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