5 दृष्टिबाधित सहित 25 छात्रों पर सामूहिक नकल करने पर दो साल का प्रतिबंध





 





छात्रों ने स्वीकार किया कि वे राइटर की मदद से पेपर लिख रहे थे


कहा- सुपरवाइजर के छूट देने के चलते राइटर ने नकल कर पेपर लिखा


 

राजकोट /  सौराष्ट्र  विश्वविद्यालय  (एसयू)  ने सामूहिक नकल के आरोप में 05 दृष्टिबाधित छात्रों को दंड़ित किया है। यह एसयू के इतिहास का पहला किस्सा है जिसमें दृष्टिबाधित विद्यार्थी सामूहिक नकल करते हुए पकड़े गए। सभी छात्रों ने अपने आरोप स्वीकार कर लिए हैं। 


देरडी कुंभाजी के शांताबहन आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के बीए के पांचवें सेमेस्टर के छात्रों ने सामूहिक नकल की थी। इस मामले में 5 दृष्टिबाधित छात्रों सहित 25 छात्रों को दो साल तक परीक्षा देने से प्रतिबंधित कर दिया है। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की परीक्षा अनुशासन समिति (ईडीएसी) ने शनिवार को यह फैसला किया।


दृष्टिबाधित छात्रों ने बताया कैसे की नकल  
आरोपों का सामना कर रहे दृष्टिबाधित छात्रों ने स्वीकार किया कि वे राइटर की मदद से पेपर लिख रहे थे। जो याद था वह लिखने के बाद सुपरवाइजर के छूट देने के चलते राइटर ने नकल कर पेपर लिखा। विद्यार्थियों को संभव है कि इस सेंटर पर नकल की सहूलियत का पहले से अंदाजा रहा होगा। इसलिए जानबूझ कर पूर्व तैयारी केसाथ देरडी कुंभाजी के कॉलेज में दाखिला लिया होगा।


ये फैसले भी


प्रिंसीपल पर हमला करने के मामले में धर्मराज सिंह जडेजा नामक विद्यार्थी का एनरॉलमेंट सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी ने रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी अन्य विश्वविद्लायों को भी इस छात्र को दाखिला न देने संबंधी सिफारिशी पत्र लिखेगी । पडधरी कॉलेज के 05 सहित अन्य 06 विद्यार्थियों को सुपरवाइजर के साथ अभद्र व्यवहार के सबब 07 परीक्षाओं में न बैठने देने की सजा दी गई है।  
अल्पेश ढोलरिया (गोंडल)  नामक विद्यार्थी जिसने डमी विद्यार्थी को अपनी जगह परीक्षा देने के लिए बिठाया था। उसे सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने 09 परीक्षाओं में बैठने से बैन करने का फैसला किया है। 



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