सीएए को लेकर भाजपा चलाएगी 20 जनवरी तक जागरूकता अभियान
, नरोत्तम व अरविंद को जिम्मेदारी
भोपाल / नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भाजपा के जागरुकता कैंपेन में प्रदेश के दो नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। ये जिम्मेदारियां पूर्व मंत्री और विधायक नरोत्तम मिश्रा के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक अरविंद भदौरिया को दी गई हैं। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से दी गई जिम्मेदारियों के तहत ये दोनों नेता नागरिकता संशोधन कानून पर जागरुकता के लिए अलग-अलग प्रदेशों में जाएंगे और वहां संगठन के साथ समन्वय कर जागरुकता अभियान की जिम्मेदारी संभालेंगे। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। वह इन दोनों राज्यों में वहां के स्थानीय संगठन के साथ कोऑर्डिनेट कर जागरुकता अभियान की रणनीति बनाएंगे। जबकि प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद भदौरिया को उत्तर प्रदेश और हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है। वह इन दोनों प्रदेशों में स्थानीय संगठन के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे। उलेखनीय है कि भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसा और विरोध की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों को जागरुक करने का अभियान शुरू किया है। इसके तहत रैली, सभाओं, चौपालों और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है।
जागरुकता के लिए प्रदेशों में बनीं समितियां
सीएए पर जागरुकता के लिए भाजपा ने घर घर तक लोगों को जागरुक करने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर समितियां बनाकर जिम्मेदारी बांटी गई हैं।
कौन सी समिति कब तक चलाएगी जागरुकता अभियान
जनसंपर्क अभियान-1 से 10 जनवरी 2020 तक
प्रबुद्धजन संगोष्ठी – 1 से 8 जनवरी तक
छोटी संगोष्ठियां (पंचायत स्तर)- 1 से 10 जनवरी तक
नागरिकता अधिकार सम्मान – 1 से 10 जनवरी तक
प्रबुद्धजन हस्ताक्षर अभियान – 1 से 20 जनवरी तक
रैली और पैदल मार्च- 5 से 20 जनवरी तक
भाजपा की यह रणनीति
प्रदेश स्तर पर सभी जिलों, मंडलों और शक्ति केंद्र स्तर तक शरणार्थियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए तीन सदस्यीय नागरिकता सहायक पदाधिकारियों को दायित्व दिया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय स्तर और प्रदेश स्तर पर एक सहायता केंद्र नंबर भेजा जाएगा। नागरिकता सहायता सदस्यों की जानकारी 25 दिसंबर से पहले भेजना अनिवार्य किया गया था। इस दौरान 3 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक करोड़ धन्यवाद पत्र भेजने के अलवा 10 लाख कार्यकर्ताओं को इस काम के लिए संगठित किया जाएगा। यही नहीं, शरणार्थियों के ऐसे वीडियो बनाए जाएंगे और शेयर किए जाएंगे जिसमें वो उनके देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीडऩ की आपबीती सुना रहे होंगे। 1 लाख व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के साथ संपर्क किया जाएगा।