ऑटाे गियर टेक्नालॉजी कार भी इन-वेलिड कैरिज वाहन में नहीं



जयपुर / केंद्र सरकार ने 30 साल पुराने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधित करके नए एक्ट जारी कर दिया। प्रदेश में मार्च में यूराे-4 के वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद यूराे-6 के वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हा़े सकेगा। ये सब होने के बाद भी दिव्यांगों के लिए वाहन संबंधित बने नियमों में बदलाव नहीं हुआ है।


इस वजह से ऑटो शिफ्ट टेक्नोलॉजी कार को भी परिवहन और आरटीओ इन-वेलिड कैरिज वाहन की श्रेणी में शामिल नहीं कर रहे हैं। इस वजह से दिव्यांगों को ऑटोमेटिक गियर वाहनों को चलाने की परमिशन नहीं दी जा रही है, साथ ही उन्हें टैक्स में मिलने वाली छूट से भी इंकार कर दिया है।


दिव्यांग ने अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से सहायता नहीं मिलने पर पीएम को पत्र लिखा है। परिवहन अफसर नियम में संशोधन के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने की अपेक्षा दिव्यांग व्यक्तियों को अपने स्तर पर प्रमाणित संस्था से मोडिफाई कराने की सलाह दे रहे हैं, तब ही वे इन-वेलिड कैरिज वाहन की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।


जयपुर, सीकर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, झुंझुनूं, चूरू, बीकानेर समेत प्रदेश में एक हजार से ज्यादा ऐसे दिव्यांग हैं, जिन्हें ऑटोमेटिक गियर वाहन चलाने की अनुमति नहीं मिल रही है। न्याय नहीं मिलने पर अब राज्यपाल, मुख्यमंत्री की शरण में जाने का निर्णय लिया है। 


इधर, अफसरों का कहना है कि मोटर व्हीकल एक्ट में ऑटाेमेट्रिक गियर वाले वाहन को इन-वेलिड वाहन की श्रेणी में नहीं माना गया है। इस वजह से इस श्रेणी की कार खरीदने पर दिव्यांग व्यक्तियों को छूट नहीं दी जा सकती, जबकि दिव्यांग व्यक्तियों को 8 लाख रुपए तक कीमत की कार खरीदने पर टैक्स, जीएसटी सहित टोल टैक्स में छूट है। अब नियम में संशोधन करने के लिए केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखा जाएगा।


दाे साल से लड़ रहे हैं लड़ाई 


ऑटोमेटिक गियर वाहन को इन-वेलिड कैरिज में शामिल कराने के लिए मानसरोवर निवासी प्रदीप शर्मा दो साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। वे इस संबंध में आरटीओ, परिवहन अफसरों, निदेशक याेग्यजन, सामाजिक न्याय अधिकारिता के अफसरों से लेकर पीएम तक पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सफलता नहीं मिली। शर्मा ने बताया कि उनका बायां पैर पोलियो ग्रस्त होने के कारण वे गियर वाला चार पहिया वाहन चलाने में असमर्थ हैं। उन्हें दिव्यांग का मेडिकल सर्टिफिकेट मिला हुआ है। 


वे ऑटो गियर शिफ्ट विदाउट क्लच वाहन चलाने में समक्ष हैं, लेकिन उन्हें वाहन चलाने की स्वीकृति नहीं मिल रही है। जबकि दिव्यांगों को इन-वेलिड कैरिज वाहन का रजिस्ट्रेशन  कराने पर परिवहन विभाग टैक्स, जीएसटी, टोल टैक्स और बीमा में 50 प्रतिशत की छूट दी जाती है।