डिस्ट्रीब्यूटर बिना लाइसेंस डेढ़ साल से बेच रहा था गर्भपात और खांसी की दवाएं

, दुकान सील






 

हमीदिया रोड स्थित दवा बाजार में पिछले डेढ़ साल से किरण फार्मा के नाम से थोक कारोबार किया जा रहा था। मई 2018 में लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद भी संचालक ने इसका लाइसेंस रिन्यू नहीं कराया था।

यह हकीकत सोमवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन के ड्रग इंस्पेक्टर्स की टीम द्वारा की जांच में सामने आई है। ड्रग इंस्पेक्टर अनामिका सिंह ने बताया कि दुकान को सील कर दिया गया और यहां पर रखी 4 लाख की दवाएं भी जब्त कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि किरण फार्मा के संचालक दीपक बटनानी थे। उनकी मौत पिछले साल हो गई थी। लेकिन उनके बेटे नितिन बटनानी ने लाइसेंस रिन्यू नहीं कराया था। यहां से गर्भपात की दवाएं और खांसी के सीरप बड़ी मात्रा बेचने की जानकारी लगी थी। इसके आधार पर टीम यहां पर जांच करने पहुंची तो लाइसेंस की समय सीमा खत्म होने की बात पता चली। संचालक से खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड मांगा गया है। मंगलवार यहां पर हुई गड़बड़ी की जांच की जाएगी।

ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश चौधरी ने बताया कि आज 6 दुकानों को चैक किया गया। इसके साथ ही उनके लाइसेंस और दवाइयों की सूची भी जांची गई। निरीक्षण में 15 दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। 12 एलोपैथिक दवाओं, दो कॉस्मेटिक और एक आयुर्वेदिक दवा के सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं।

खाद्य अमले का औचक निरीक्षण
ड्रग इंस्पेक्टर्स ने चेक कीं 6 दुकानें,15 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे

कार्रवाई...खाद्य अमले ने दुकान से जब्त की करीब चार लाख रुपए कीमत की दवाएं

इन मेडिकल स्टोरों की भी हुई जांच


फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर में बैठ रहे हैं या नहीं, होगी जांच

कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे देखें कि मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट लाइसेंस लेने के बाद बैठ रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसी भी शिकायत मिल रही हैं कि मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट की जगह ऐसे लोग दवाएं देने का काम कर रहे हैं, जिनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही उन्हें दवाओं की जानकारी है। गड़बड़ी वाले मेडिकल स्टोर्स को सील किया जा रहा है। दुकानों में दवाओं की खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। दोषी स्टोर संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी।