पौधरोपण घोटाला: कई रिमाइंडरों के बाद भी अफसर नहीं दे रहे जांच रिपोर्ट

पौधरोपण घोटाला: कई रिमाइंडरों के बाद भी अफसर नहीं दे रहे जांच रिपोर्ट


 


भोपाल / शिवराज सरकार के दौरान एक साथ सात करोड़ पौधे रोपे जाने की जांच पूरी होने के बाद भी अफसर उसकी जांच रिपोर्ट देने को तैयार नहीं है। यह हालात तब हैं जबकि इस मामले में न केवल मत्रियों की समिति निर्देश दे चुकी है बल्कि वित्त विभाग लगातार रिमांडर पर रिमाडंर दे रहा है। दरअसल मंत्रियों की समिति के निर्देश पर अधिकारियों ने पौधरोपण में हुई गड़बड़ी की जांच के निर्देश दिए थे। जांच पूरी हो चुकी है। नवंबर के आखिरी हफ्ते में हुई मंत्रियों की समिति की बैठक में अधिकारियों को जांच रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अधिकारी रिपोर्ट ही नहीं भेज रहे हैं। मंत्रियों का कहना था कि वन विभाग के पास तीन करोड़ पौधों का हिसाब है, तो शेष चार करोड़ पौधों का हिसाब क्यों नहीं मिल रहा?
मंत्रियों ने पूछा था कि सात करोड़ पौधे कहां से आए, सरकारी नर्सरियों में ये पौधे कब तैयार किए गए, इन नर्सरियों में पिछले पांच वर्षों में कितना उत्पादन रहा, प्रायवेट नर्सरी से कितनी खरीदारी की गई, नर्सरियों का सत्यापन कराया जाए। इतने पौधे लगाने के लिए कितने हेक्टेयर स्थल की जरूरत है। पौधरोपण से पहले इन स्थलों पर पहले से तो पौधे नहीं लगे थे, इसका सत्यापन किया जाए। आज की तारीख में उन स्थलों पर पौधे जिंदा बचे हैं या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन कराया जाए। मगर आज तक अफसरों ने इन सवालों का जवाब देना जरूरी नहीं समझा है।
ईओडब्ल्यू के पास है मामला
नर्मदा नदी किनारे हुए पौधरोपण में घोटाले का आरोप लगाते हुए वन मंत्री उमंग सिंघार ने मामला आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को सौंपने की बात कही थी। गत अक्टूबर में मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा था कि इस प्रकरण में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, तत्कालीन वन मंत्री शेजवार और अन्य अधिकारियों के नाम हैं। वन मंत्री ने एक दिन में इतने पौधे रोपे जाने के दावे पर भी सवाल उठाए थे।



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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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